शिक्षक कर्मचारी ऋण सहकारी समिति में 56 लाख का गबन
बरेली। शिक्षक कर्मचारी ऋण सहकारी समिति में हुए करीब 56 लाख रुपये के गबन की थाना प्रेमनगर में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। इसमें समिति के सचिव प्रेमनगर की यादव कुंज कॉलोनी में रहने वाले लालाराम यादव को नामजद किया गया है। आरोप है कि 56 लाख की रकम करीब दो दर्जन शिक्षक और कर्मचारियों से वसूल की गई थी लेकिन उसे बैंक में जमा नहीं किया गया।
कुर्मांचल नगर में रहने वाली रीता मलिक ने बताया कि वह सेंट्रल जेल स्कूल में शिक्षक है। उन्होंने वर्ष 2006 में बेसिक शिक्षा परिषद वेतनभोगी शिक्षक कर्मचारी ऋण सहकारी समिति से एक लाख रुपये का लोन लिया था। इसके बाद उन्होंने 25 हजार रुपये जमा कर दिए और 24 दिसंबर 2008 में समिति के खाते में 75 हजार फिर जमा किए। समिति के तत्कालीन सचिव लालाराम यादव ने उन्हें इसकी रसीद भी दी। हाल ही में उन्हें सहकारी बैंक से नोटिस मिला है, जिसमें उन पर 1.70 लाख रुपये बकाया बताए गए हैं। बैंक में पूछताछ करने पर पता चला कि सचिव ने जो रकम उनसे ली थी, वह बैंक में जमा ही नहीं की।
रीता मलिक के मुताबिक सचिव लालाराम ने उनकी तरह दो दर्जन से ज्यादा शिक्षकों और कर्मचारियों का पैसा हड़प लिया है। सोसाइटी के जरिये उन लोगों को बैंक से लोन दिलाया गया और जब उन लोगों ने लोन की रकम सोसाइटी में जमा की तो उसे बैंक में जमा करने के बजाय खुद हड़प ली।
बैंक पर भी मिलीभगत का आरोप
बैंक पर भी मिलीभगत का आरोप लगाया गया है। रीता मलिक का कहना है कि उन्होंने 2006 में लोन लेकर 2008 में उसे अदा कर दिया। मगर सोसाइटी ने वह रकम बैंक में जमा नहीं की तो उनसे कोई संपर्क नहीं किया गया जबकि हर साल बैंक में ऑडिट होता है। अब 14 साल बाद 1.70 लाख की रकम बकाया बताकर नोटिस भेजा गया है। दूसरे लोगों के साथ भी ऐसा ही हुआ। उन्होंने इसमें बैंककर्मियों की मिलीभगत का भी आरोप लगाया है। कहा है कि इसी वजह से लोन लेने के इतने साल बाद नोटिस भेजा गया है।
अपने घर में बनाया था ऑफिस
रीता मलिक के मुताबिक लालाराम यादव रिटायर्ड शिक्षक है। उसने भूड़ स्थित अपने पुराने घर में ही सोसाइटी का कार्यालय बना रखा था। इसके सारे दस्तावेज भी उसी के पास हैं। अब वह रकम लौटाने में आनाकानी कर रहा है और बैंक से उन लोगों के पास बकाया वसूली के नोटिस आ रहे हैं। अब वे लोग रकम की वसूली के लिए उसके घर जाते हैं तो वह कभी मकान बेचने की बात कहता है तो कभी कोई अन्य बहाना बना देता है।
पहले भी दर्ज हो चुकी हैं तीन रिपोर्ट
समिति में घोटाले को लेकर लालाराम यादव के खिलाफ पहले भी तीन रिपोर्ट दर्ज कराई जा चुकी है। रीता मलिक ने बताया कि ये तीनों रिपोर्ट थाना इज्जतनगर में दर्ज कराई गई हैं, जिनमें से एक प्रेमशंकर की ओर से लिखाई गई है, दो अन्य लोगों ने लिखाई हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें