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शनिवार, 12 नवंबर 2022

असर : जांच शुरू हुई तो शिक्षण संस्थानों ने 150 से अधिक विद्यार्थियों को बुलाकर दिए टैबलेट-स्मार्ट फोन

 

असर : जांच शुरू हुई तो शिक्षण संस्थानों ने 150 से अधिक विद्यार्थियों को बुलाकर दिए टैबलेट-स्मार्ट फोन

डिजीशक्ति योजना के अंतर्गत टैबलेट और स्मार्ट फोन का वितरण न करने वाले शिक्षण संस्थान अब छात्र-छात्राओं की तलाश में जुट गए हैं। 150 से अधिक विद्यार्थियों को टैबलेट एवं स्मार्ट फोन मिल भी गए हैं। शिक्षण संस्थानों ने विद्यार्थियों को बुलाकर टैबलेट-स्मार्ट फोन उनके हवाले किए। नोडल अधिकारी डिजीशक्ति कार्यालय में विद्यार्थियों और संस्थानों ने इस बाबत हलफनामा भी दिया है।

डिजीशक्ति योजना के तहत स्नातक एवं परास्नातक अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को मुफ्त टैबलेट एवं स्मार्ट फोन वितरित किए जा रहे हैं लेकिन सूची में नाम शामिल होने के बावजूद सैकड़ों विद्यार्थी इससे वंचित रह गए। शिक्षण संस्थानों ने उन्हें टैबलेट एवं स्मार्ट फोन वितरित ही नहीं किए।

इस बाबत अमर उजाला के बृहस्पतिवार के अंक में प्रमुखता से खबर छपने के बाद प्रशासन की ओर से जांच शुरू कर दी गई है तो शिक्षण संस्थान सकते में आ गए। मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 75 संस्थानों ने सैकड़ों विद्यार्थियाें को टैबलेट एवं स्मार्ट फोन वितरित नहीं किए थे। सभी को नोटिस भेजा गया। खबर छपने के बाद दो दिनों में ही डेढ़ सौ से अधिक विद्यार्थियों को टैबलेट एवं स्मार्ट फोन कर दिए गए।

आरपी सिंह आईटीआई के छात्र शुभम कुमार भारतीय ने बताया कि  संस्थान की ओर से फोन आया था। वहां जाने पर टैबलेट दिया गया। इसी तरह से स्व. वशिष्ठ नारायण शुक्ला पीजी कॉलेज की सरिता देवी को भी शुक्रवार को संस्थान में बुलाकर स्मार्ट फोन दिया गया। हालांकि, अब भी करीब 200 विद्यार्थी हैं, जिन्हें टैबलेट एवं स्मार्ट नहीं मिले हैं।

प्रभारी अधिकारी एडीएम नागरिक आपूर्ति जेपी सिंह ने बताया कि संस्थान प्रबंधकों ने टैबलेट एवं स्मार्ट फोन वितरण करने का हलफनामा दिया है। इसके अलावा विद्यार्थियों को फोन करके भी इसकी जानकारी ली जा रही है। अब तक टैबलेट-स्मार्ट फोन वितरण न करने वाले संस्थानाें को चेतावनी दी गई है। जल्द ही वितरण न करने एवं झूठा हलफनामा देने वाले संस्थानों के खिलाफ एफआईआर लिखाई जाएगी।

669 विद्यार्थियों को नहीं मिले थे टैबलेट-स्मार्ट फोन

मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी आंकड़ाें के अनुसार प्रथम चरण के सर्वे में ही 75 शिक्षण संस्थान पकड़े गए थे, जिन्होंने 669 विद्यार्थियों को टैबलेट एवं स्मार्ट फोन का वितरण नहीं किया। हालांकि, इनमें से 300 से अधिक ने मुख्यमंत्री कार्यालय से फोन आने के बाद टैबलेट-फोन बांट दिए। शेष साढ़े तीन सौ से अधिक विद्यार्थियों को उपकरण न देने वाले संस्थान प्रबंधकों को एडीएम नागरिक आपूर्ति की ओर से नोटिस भेजा गया है।

विद्यार्थियाें ने भी दिया टैबलेट मिलने का एफिडेबिट

नोटिस के बाद टैबलेट एवं स्मार्ट फोन पाने वाले विद्यार्थियों से भी हलफनामा लिया जा रहा है। यह हलफनामा भी संस्थान प्रबंधन उपलब्ध करा रहा है। ज्यादातर विद्यार्थियों ने हलफनामा में लिखा है कि उन्हें पहले ही टैबलेट या स्मार्ट फोन मिल गया था। मुख्यमंत्री कार्यालय से आया फोन परिवार के अन्य सदस्यों ने उठाया, जिन्हें टैबलेट या स्मार्ट फोन मिलने की जानकारी नहीं थी।

विद्यार्थियों ने संस्थानाें में किया संपर्क लेकिन नहीं मिला टैबलेट

दो दर्जन से अधिक संस्थान अब भी ऐसे हैं, जिन्होंने करीब 200 विद्यार्थियों को टैबलेट एवं स्मार्ट फोन नहीं दिए हैं। विद्यार्थियों ने संस्थान में लगातार संपर्क किया लेकिन उन्हें वापस कर दिया गया। जबकि, इन संस्थानों को नोटिस भी भेजा जा चुका है। रोहणी प्राइवेट आईटीआई के राजेश कुमार सोनकर का कहना है कि टैबलेट के लिए उन्होंने संस्थान में कई बार संपर्क किया लेकिन नहीं मिला। कोई जवाब भी नहीं दिया जा रहा।

मालती देवी प्राइवेट आईटीआई के छात्र रहे भूपेंद्र सिंह गौतम का फोन उनकी पत्नी ने उठाया। उनका कहना है कि पूर्व में मुख्यमंत्री कार्यालय से भी फोन आ चुका है लेकिन टैबलेट नहीं मिला। करछना के राम रति पटेल महाविद्यालय में एमए हिंदी के छात्र रहे अमर पाल का कहना है कि कॉलेज में संपर्क किया लेकिन टैबलेट नहीं मिला। बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय से भी उनके पास फोन आया था लेकिन संस्थान की ओर से किसी ने अभी तक संपर्क नहीं किया है।

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