पुरानी पेंशन और नई पेंशन में क्या है अंतर, और क्या है विवाद जाने
न्यू पेंशन स्कीम (new pension scheme) का विरोध कर रहे सरकारी कर्मचारियों (Government Employee) के समर्थन में कई जगहों पर विपक्षी दलों द्वारा भी इस मांग को समर्थन मिल रहा है.ऐसे ही उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में पुरानी पेंशन को लेकर शिक्षकों का मंगलवार को धरना प्रदर्शन होगा. उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा संघ 15 नवंबर 2022 को इको गार्डन में एक दिवसीय धरना देगा.धरने में सभी जिलों के शिक्षक शामिल होंगे. इस आंदोलन में शिक्षामित्र और अनुदेशक को नियमित किए जाने की भी मांग भी प्रमुखता से उठाई जाएगी. आइए जानते हैं ओल्ड पेंशन स्कीम और न्यू पेंशन स्कीम में अंतर.
पुरानी पेंशन स्कीम (OPS)
- ओल्ड पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट के बाद सरकारी कर्मचारी की सैलरी की 50 फीसदी राशि पेंशन प्लस महंगाई भत्ता या सेवाकाल के अंतिम 10 माह की औसत आय पेंशन के तौर पर दी जाती है.पुरानी योजना में पेंशन का सरकारी कर्मी की अंतिम बेसिक सैलरी और महंगाई दर यानी मुद्रास्फीति के डेटा के आधार पर तय होती थी.
- ओल्ड पेंशन स्कीम में पेंशन योजना के लिए सरकारी कर्मियों के वेतन से किसी तरह से कोई भी धनराशि काटने का प्रावधान नहीं था. कम से कम 10 साल सेवा अनिवार्य है.
- पुरानी पेंशन स्कीम में भुगतान गारंटी वाले सरकार की ट्रेजरी यानी राजकोष के जरिये होता था.
- पुरानी पेंशन स्कीम में ग्रेच्युटी की रकम 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी की धनराशि सेवानिवृत्ति के बाद मिलती थी.
- रिटायर कर्मचारी की सेवाकाल के दौरान मौत होने पर परिजनों को पेंशन की राशि मिलती थी.
- ओल्ड पेंशन स्कीम में जनरल प्राविडेंट फंड (GPF) का भी प्रावधान होता है.
- पेंशन स्कीम (Old pension Scheme) में हर छह माह बाद महंगाई भत्ते (DA) को जोड़े जाने का प्रावधान है. सरकार वेतन आयोग (Pay Commission) लागू करती है, तो पेंशन भी (Pension) उसी हिसाब से बढ़ती है.
न्यू पेंशन स्कीम (NPS) में क्या है
- न्यू पेंशन स्कीम (NPS) NDA शासन में वर्ष 2004 से लागू हुई थी. इसमें पेंशन कुल जमा धनराशि और उसके निवेश पर रिटर्न के मुताबिक तय होती है. कर्मचारी का अंशदान उसकी बेसिक सैलरी और DA का 10 प्रतिशत होता है. राज्य सरकारें भी इतना ही अंशदान देती है. 1 मई 2009 से एनपीएस हर जगह सरकारी विभागों में लागू की गई.
- ओल्ड पेंशन स्कीम में एंप्लायी की सैलरी से कोई कटौती नहीं होती थी. NPS में कर्मचारियों की सैलरी से 10% अंशदान की कटौती की जाती है. पुरानी पेंशन स्कीम में GPF का फायदा भी मिलता था, लेकिन नई स्कीम में ऐसा नहीं है.
- ओल्ड पेंशन स्कीम के मुकाबले नई पेंशन योजना में निश्चित पेंशन का कोई प्रावधान नहीं है. पुरानी पेंशन योजना एक गारंटीशुदा स्कीम है.लेकिन जोखिम के साथ ऊंचे रिटर्न का फायदा भी है.
- न्यू पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को भुगतान सरकारी खजाने से किया जाता है
- नई पेंशन योजना स्टॉक मार्केट के रिटर्न के आधार पर तय होती है. शेयर बाजार जैसे प्रदर्शन करेगा, वैसी ही पेंशन कर्मचारियों को मिलेगी.
NPS पर शानदार रिटर्न
न्यू पेंशन स्कीम के समर्थक अर्थशास्त्रियों का कहना है कि NPS पर रिटर्न शानदार रहा है. पिछले आठ सालों में सेंसेक्स और निफ्टी इंडेक्स दोगुना हो गया है.पीएफ (Provident Fund) और पेंशन (Pension) की पुरानी स्कीम के मुकाबले कर्मचारी रिटायरमेंट के समय बेहतर धनराशि हकदार होंगे.
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