अब विद्यार्थी करेंगे अपने गुरुजी को ‘पास और फेल’, एकेटीयू की परीक्षा समिति का अहम निर्णय
अभी तक शिक्षक विद्यार्थियों को फेल और पास करते थे। अब विद्यार्थी भी अपने शिक्षक को फेल और पास कर सकेंगे। हालांकि यह फेल और पास विद्यार्थियों से अलग तरीके का होगा। इसकी शुरुआत पहली बार डा. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय (एकेटीयू) करने जा रहा है। इसमें छात्र - छात्राएं अपने शिक्षक के विषय में अपनी राय देंगे। वह बताएंगे कि शिक्षक कक्षा में कैसे पढ़ाते हैं, उनका व्यवहार कैसा है। छात्र अगर अपने शिक्षक के प्रति नकारात्मक रिपोर्ट देंगे तो उस शिक्षक से पूछताछ होगी और निगरानी भी रखी जाएगी।
मंगलवार को एकेटीयू की परीक्षा समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसके लिए फीड बैक फार्म होगा। जो छात्र के आइडी पर उपलब्ध होगा। छात्र उस फार्म के माध्यम से अपने शिक्षक को लेकर फीडबैक विश्वविद्यालय को देंगे। छात्रों के फीडबैक को गोपनीय रखा जाएगा। 26 नवंबर को होने वाले दीक्षा समारोह में कुल 48343 छात्रों को डिग्री दी जाएगी।
विश्वविद्यालय से जुड़े राजकीय कालेजों के 17 छात्रों को स्वर्ण पदक, 16 को रजत पदक और 16 को कांस्य पदक दिया जाएगा। जबकि विश्वविद्यालय के घटक संस्थानों के छात्रों में 11 स्वर्ण पदक, छह रजत और सात कांस्य पदक मिलेगा। इस बार चांसलर मेडल केआईईटी ग्रुप गाजियाबाद के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग ब्रांच के रोहन खुराना को मिलेगा। कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रति कुलपति प्रो. मनीष गौड, परीक्षा नियंत्रक प्रो. अनुराग त्रिपाठी, कुलसचिव सचिन सिंह, वित्त अधिकारी जीपी सिंह, प्रो. एचके पालीवाल, प्रो. वंदना सहगल, प्रो. बीएन मिश्रा रहे।
छात्रों से उगाही पर एकेटीयू कराएगा एफआइआर
डा. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय से जुड़े प्रदेश के तकनीकी कालेजों में पढ़ने वाले छात्र- छात्राओं से इंटरनेट मीडिया के अलग- अलग प्लेटफार्म से भ्रमित कर परीक्षा के नाम पर वसूली की शिकायत मिली है। इस पर विश्वविद्यालय ने छात्रों को सतर्क किया है। साथ ही ऐसे लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के लिए कहा है। विश्वविद्यालय ने स्पष्ट किया है कि परीक्षा से संबंधित कोई भी शुल्क नगद नहीं लिया जाता है, ऐसे में छात्रों को किसी के बहकावे में आने से बचना चाहिए।
मूल्यांकन से दूरी पर जाएगी मान्यता
परीक्षा के बाद कापियों के मूल्यांकन से कन्नी काटने वाले संस्थानों की संबद्धता खत्म करने की कार्रवाई भी की जा सकती है। इसके लिए संबद्धता के नियमों में कापियों के मूल्यांकन के प्रस्ताव को भी शामिल किया जाएगा। इसके बाद कोई भी कालेज मूल्यांकन से मना नहीं कर पाएंगे।
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