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सोमवार, 21 नवंबर 2022

अभ्‍यर्थियों का 'हमें चाहिए आरक्षण' और 'रोजगार बिना नहीं गुजारा, इच्‍छा मृत्‍यु अंतिम नारा' के साथ प्रदर्शन



 अभ्‍यर्थियों का 'हमें चाहिए आरक्षण' और 'रोजगार बिना नहीं गुजारा, इच्‍छा मृत्‍यु अंतिम नारा' के साथ प्रदर्शन

हर के प्रमुख मार्ग मैरिस रोड पर रविवार को सुबह से ही लोगों की संख्या अधिक तो थी, लेकिन किसी बड़े प्रदर्शन का आभास किसी को न था। करीब 10 बजे बाद से बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह के आवास के बाहर बढ़ती भीड़ ने अधिकारियों के होश उड़ा दिए। ‘हमें चाहिए आरक्षण’ और ‘रोजगार बिना नहीं गुजारा, इच्छा मृत्यु अंतिम नारा’ आदि नारे लगाते लोगों के सड़कों पर बैठते ही कई थानों की पुलिस दौड़ पड़ी। 

लखनऊ में बनी थी रणनीति 

बीटीसी प्रशिक्षु संघ के बैनर तले सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा-2018 के अभ्यर्थियों के इस प्रदर्शन का निर्णय तीन दिन पहले लखनऊ में हुआ था, जिसकी भनक तक अधिकारियों को न लग सकी। इससे खुफिया तंत्र पूरी तरह फेल साबित हुआ। प्रदेश के अधिकांश जिलों के अभ्यर्थी इस प्रदर्शन में शामिल थे। करीब डेढ़ घंटे तक प्रदर्शन के बाद इन्हें समझाकर यहां से दो किलोमीटर दूर आंबेडकर पार्क भेजा गया। वहां देर शाम तक धरना -प्रदर्शन चला। यह 24 को लखनऊ में वार्ता के मंत्री के संदेश के बाद खत्म हुआ, तब पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने राहत की सांस ली। सतर्कता के चलते मंत्री के घर से लेकर आंबेडकर पार्क तक पुलिस तैनात रही।

डेढ़ घंटे रहे जाम के हालात

प्रदर्शन के चलते करीब डेढ़ घंटे मैरिस रोड पर जाम के हालात रहे। मंत्री के घर के गेट पर पुलिस तैनात थी, ताकि कोई अंदर न जा सके। रोड के दोनों ओर वाहनों को दूसरे रास्ते से निकालना जा रहा था। इसके चलते लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बाद में प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने बस में बैठाकर आंबेडकर पार्क पहुंचाया। इनमें बच्चों के साथ महिलाएं व दिव्यांग अभ्यर्थी भी थे, जो प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चिंता का कारण रहे। बीटीसी प्रशिक्षु संघ के उपाध्यक्ष सीबी सिंह लहेरा ने बताया कि अलीगढ़ पहुंचकर बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री से मिलने की योजना पिछले तीन दिन से बना रहे थे। सभी साथियों को बैठक व मोबाइल के जरिए संदेश पहुंचाया गया। रविवार को बसों व ट्रेन के माध्यम से साथी अलीगढ़ पहुंचे। सुबह करीब 10 से 10.15 बजे के बीच अभ्यर्थी मैरिस रोड पर पहुंचना शुरू हो गए थे। फिर करीब 11.30 से 11:45 बजे तक वहां से आंबेडकर पार्क आए।

प्रशासन ने नहीं दी टेंट लगाने की अनुमति

प्रदर्शन में शामिल नवीन कुमार रूहेला ने बताया कि आंबेडकर पार्क में बच्चों के साथ महिलाएं भी धरने पर बैठी थीं। प्रशासन से मांग की गई कि ओस व ठंडी हवाओं से बचने के लिए टेंट लगाने की अनुमति दें। मगर प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी थी। 

विभिन्न जिलों से आए अभ्यर्थी

प्रदर्शन में देवरिया, मऊ, झांसी, सिद्धार्थनगर, बलिया, सोनभद्र, कानपुर, लखनऊ, बहराइच, आगरा, हाथरस, बदायूं, बरेली, गाजीपुर, आंबेडकर नगर, पीलीभीत, प्रतापगढ़, श्रावस्ती, संभल, गोंडा, महारजगंज आदि जिलों से सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा-2018 के अभ्यर्थी शामिल थे।

लखनऊ में चल रहा है धरना

संघ के अध्यक्ष तूफान सिंह ने बताया कि परीक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को उत्तीर्णांक में पांच प्रतिशत छूट से वंचित रखा गया। अन्य पिछड़ा वर्ग, दिव्यांग, भूतपूर्व सैनिक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रित आदि को अनारक्षित वर्ग में रखकर उनके साथ अन्याय किया गया है। इन सभी को आरक्षित वर्ग में रखने की मांग भी उठाई गई है। बताया कि इसी मांग को लेकर लखनऊ में पिछले 10 दिनों से धरना जारी है।

आदेश के बाद सुनवाई न होने से आक्रोश

उपाध्यक्ष रूप सिंह चाहर ने बताया कि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को अनारक्षित वर्ग में रखकर अन्याय किया गया है। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग लखनऊ व राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग नई दिल्ली के पदाधिकारियों ने दो महीने पहले 15 दिन में नियुक्ति देने के आदेश किए थे। मगर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। मांग है कि उनके साथ हुई अनियमितता को आयोग के आदेशों के अनुपालन में संशोधित परिणाम व नियुक्ति देकर अभ्यार्थियों को न्याय दिलाया जाए।

इनका कहना है

शासन स्तर पर भी इस मामले में वार्ता चल रही है। प्रदर्शनकारियों को यही समझाया था। इसके बाद उन्हें आंबेडकर पार्क में भिजवा दिया गया। वहां टेंट लगाना चाहते थे जिसकी अनुमति उन्हें नहीं दी है। देर शाम धरना खत्म हो गया।- श्वेताभ पांडेय, सीओ तृतीय


अभ्यर्थियों की जुबानी

आरक्षित वर्ग में न रखने के चलते अंक कम मिले हैं। इससे शिक्षक बनने की राह में रोड़ा आ गया है। अनियमितताओं को दूर कर परिणाम जारी हो तो शिक्षक बनने के रास्ते खुल जाएंगे। मांग पूरी कराए बगैर आंदोलन खत्म नहीं किया जाएगा।- चांदनी, झांसी

राज्य व राष्ट्रस्तर तक अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग की ओर से संशोधित परिणाम जारी कर नियुक्ति देने के फैसले के बाद भी कोई सुनवाई न होना आश्चर्य की बात है। परिवार की स्थितियों से गुजर रहा है? इसका अंदाजा भी सरकार को नहीं है।- नसीम, बरेली

दिव्यांग होकर लंबी दूरी तय करके अलीगढ़ आया हूं। दिव्यांगों को भी अनारक्षित कोटे में रखकर परिणाम जारी किया गया है। आरक्षण मिलेगा तो शिक्षक बनने की राह खुलेगी। इसलिए बिना आरक्षण की मांग पूरी हुए आंदोलन खत्म नहीं होगा।- धीरेंद्र मौर्य, कानपुर

आरक्षण प्रदान करते हुए नए सिरे से परिणाम जारी किया जाए। लंबे समय से इस समस्या से जूझते हुए मानसिक उत्पीड़न के शिकार हुए हैं। चार साल से केवल शिक्षक बनने की राह ही देख रहे हैं। मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा।- रूमा, संभल

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