बच्ची को नहीं मिला स्कूल में प्रवेश, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य ने अफसरों को लगाई फटकार
आगरा में उत्तर प्रदेश बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग की सदस्य अनीता अग्रवाल ने मंगलवार को सर्किट हाउस में योजनाओं की समीक्षा और जनसुनवाई की। उनके सामने एक पिता बच्ची का स्कूल में प्रवेश नहीं हो पाने की शिकायत लेकर पहुंचा। प्रवेश कराने में सहयोग नहीं करने पर सदस्य शिक्षा अधिकारियों पर बिफर पड़ीं। तीन दिन में प्रवेश कराने के निर्देश दिए। बच्ची के पिता से कहा, अगर एडमिशन न हो तो फिर मुझे बताना।
दो दिन के दौरे पर आगरा आईं सदस्य अनीता अग्रवाल ने सोमवार को जिला अस्पताल, बाल संरक्षण गृह और स्कूलों का निरीक्षण किया। मंगलवार को सर्किट हाउस में जनसुनवाई की। फिर विभागीय अधिकारियों के साथ योजनाओं की हकीकत परखी। वहीं, लड़ामदा निवासी राजा बाबू ने बताया कि मैं गरीब हूं। शिक्षा के अधिकार के तहत बच्ची को पढ़ाना चाहता हूं।
'कोई भी बच्चा स्कूल जाने से छूटना नहीं चाहिए'
राजा बाबू ने बताया कि प्राइवेट स्कूल में लॉटरी में बेटी के प्रवेश का नंबर आ गया था, फिर भी स्कूल ने एडमिशन से इनकार कर दिया। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कोई मदद नहीं की। नाराज होकर सदस्य ने अधिकारियों को फटकार लगाई। कहा कि कोई भी बच्चा स्कूल जाने से नहीं छूटना चाहिए।
सदस्य अनीता अग्रवाल ने बताया कि कुछ खामियां सिस्टम में पाई गई हैं। जिनके लिए जिलाधिकारी के साथ बैठक कर सिस्टम में जल्द सुधार करने के निर्देश दिए हैं। नशे की लत से पीड़ित बच्चों के लिए एक नशामुक्ति केंद्र बनाया जाए। इसके लिए भी पत्र लिखा है।
बच्चों के द्वारा भिक्षावृत्ति कराने के मामले पर कहा कि इसके लिए खुद माता- पिता जिम्मेदार हैं। उन्हें जागरूक होना पड़ेगा। योजनाओं के प्रति जागरूक करने के लिए उन्होंने शिविर लगाने के निर्देश दिए हैं। आगरा को चाइल्ड फ्रेंडली बनाने एवं बाल सुरक्षा को लेकर महफूज संस्था समन्वय नरेश पारस ने 10 बिंदुओं पर सुझाव दिए। जिला कार्यक्रम अधिकारी आदिश मिश्रा, क्षेत्राधिकारी छत्ता सुकन्या शर्मा आदि मौजूद रहे।
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