प्रधानाचार्योंं व छात्र-छात्राओं को गलतियां सुधारने का ये है अंतिम मौका, जानें-क्या है मामला
अलीगढ़। प्रधानाचार्यों के लिए 28 नवंबर तक की अंतिम समय सीमा जारी की गई है। ये समय सीमा डेटा में संशोधन करने के लिए यूपी बोर्ड की ओर से जारी की गई है। प्रधानाचार्यों को अपनी व विद्यार्थियों की गलती सुधारने का मौका बोर्ड की ओर से दिया गया है। इसके लिए बोर्ड ने अपनी वेबसाइट को भी खोल दिया है। मगर इसके बाद भी अगर हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के विद्यार्थियों की फोटो धुंधली या अस्पष्ट अपलोड की हुई पाई गई तो संबंधित कालेज के प्रधानाचार्य के विरुद्ध तो कार्रवाई होगी ही साथ में कालेज की मान्यता जाने का खतरा भी उत्पन्न हो जाएगा। इस संबंध में यूपी बोर्ड से सख्त आदेश जारी होने के बाद अधिकारियों ने सभी प्रधानाचार्यों को निर्देश जारी कर दिए हैं। यूपी बोर्ड ने बोर्ड परीक्षा 2023 के लिए अभी से प्रक्रियाएं शुरू कर दी हैं।
खराब फोटो नहीं होंगे अपलोड
कुछ संचालक ऐसे थे जिन्होंने फोटो तो अपलोड किया था लेकिन वो फोटो बेहद खराब थे। धुंधले या अस्पष्ट थे। मगर अब अगर छात्र-छात्रा का फोटो खराब अपलोड किया या अपलोड नहीं किया तो संबंधित कालेज के खिलाफ मान्यता प्रत्याहरण की कार्रवाई हो सकती है। परीक्षा के दौरान पात्र व पंजीकृत विद्यार्थी के स्थान पर किसी अन्य छात्र को परीक्षा दिलाने के प्रयास के चलते कुछ प्रधानाचार्य ऐसा कर देते हैं।
स्पष्ट फोटो अपलोड होना जरूरी
डीआइओएस सुभाष बाबू गौतम ने बताया कि कुछ विद्यालय छात्रों की फोटो बदलकर भी लगाने का खेल करते हैं। इसलिए साफ व स्पष्ट फोटो ही अपलोड की जानी हैं। अगर अब भी किसी प्रधानाचार्य की ओर से किसी बच्चे का पंजीकरण रह गया या आवेदन आनलाइन अपलोड होने से रह गया तो इसके जिम्मेदार भी स्वयं प्रधानाचार्य ही होंगे।
मान्यता प्रत्याहरण की होगी कार्रवाई
बताया कि इस संबंध में बोर्ड की ओर से सख्त आदेश जारी किए गए हैं। इसके अलावा प्रधानाचार्यों को ये भी प्रमाणपत्र देना होगा कि उनके संस्थान में कोई विद्यार्थी पंजीकरण से छूटा नहीं हैं। ऐसा न करने वाले संस्थान की मान्यता प्रत्याहरण की संस्तुति कर बोर्ड को भेज दी जाएगी। सभी प्रधानाचार्यों को इस संबंध मेें स्पष्ट आदेश जारी कर दिए गए हैं।
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