एक पखवाड़े में उप्र लोक सेवा आयोग ने संशोधित किए तीन परिणाम,
बार-बार संशोधन से अभ्यर्थी नाराज
प्रयागराज, । उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने पखवाड़े भर में तीन परीक्षाओं के परिणाम संशोधित किए हैं। एक के बाद एक परिणाम संशोधित होने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। परिणाम संशोधित करने से कुछ अभ्यर्थियों का चयन हुआ तो पहले से चयनित कुछ बाहर हो गए हैं। इससे प्रतियोगी छात्रों में आक्रोश है। अब इस मामले की जांच हो रही है कि किस स्तर से गड़बड़ी हुई है। इसके जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारी पर कार्रवाई होगी।
सहायक अभियंता भर्ती परिणाम : उप्र लोक सेवा आयोग ने 29 सितंबर को सहायक अभियंता भर्ती का परिणाम जारी किया था। सफल अभ्यर्थियों का 17 अक्टूबर और 11 नवंबर के बीच साक्षात्कार होने लगा। इसी बीच कई अभ्यर्थियों ने आयोग में शिकायत की। बताया कि कृषि अभियंत्रण के स्थान पर सिविल और मैकेनिकल अभियंत्रण के अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए सफल घोषित किया गया। ऐसे में आयोग ने 31 अक्टूबर को परिणाम संशोधित किया तो 27 अभ्यर्थी बाहर हो गए और 22 नए अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए।
एपीओ प्री परीक्षा 2022 : ऐसी ही गड़बड़ी सहायक अभियोजन अधिकारी (एपीओ) प्री परीक्षा 2022 का परिणाम जारी करने में हुई। इसका परिणाम 23 सितंबर को जारी किया था। प्री का परिणाम जारी करने के बाद मुख्य परीक्षा चार और पांच दिसंबर को कराने की तैयारी थी। इसके परिणाम में गड़बड़ी पकड़ी गई तो 16 नवंबर को परिणाम संशोधित किया गया। इसमें दिव्यांगजन की उपश्रेणी एलवी (लो विजन) के स्थान पर ओएल (वन लेग) उपश्रेणी में 17 अभ्यर्थी सफल घोषित कर दिए गए थे। परिणाम संशोधित हुआ तो ओएल उपश्रेणी में चयनित 17 अभ्यर्थी बाहर हो गए और फिर एलवी उपश्रेणी में 21 अभ्यर्थी उत्तीर्ण घोषित किए गए हैं। इसी के साथ ही मुख्य परीक्षा की तिथि भी बदली गई। अब मुख्य परीक्षा अब नौ और 10 जनवरी को कराई जाएगी।
वन संरक्षक और क्षेत्रीय वन अधिकारी भर्ती : चार नवंबर को सहायक वन संरक्षक और क्षेत्रीय वन अधिकारी भर्ती को जारी हुआ परिणाम पांच नवंबर को संशोधित कर दिया गया। इस संशोधन से भी कई अभ्यर्थी बाहर हुए और कुछ नए सफल हुए। आयोग के सचिव आलोक कुमार ने बताया कि किन अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही से ऐसी गड़बड़ी हुई है, उसकी जांच हो रही है। जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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