UP NEWS: सफाई करने वाले को बना दिया बीएलओ, 80 कर्मचारियों की लगा दी चुनावी ड्यूटी
गांवों में सुबह-शाम झाड़ू लगाने वाले सफाई कर्मचारी इन दिनों चुनाव की गुणा-गणित के फेर में उलझे हैं। आठ विकास खंडों के 750 ग्रामीण सफाईकर्मियों में से 80 की चुनावी ड्यूटी लगा दी गई है। इनसे बीएलओ तक का काम लिया जा रहा है।
खास बात यह है कि इनमें से अधिकतर मात्र साक्षर या कम पढ़े लिखे हैं। कुछ तो केवल हस्ताक्षर करना जानते हैं। फिर भी इनकी शैक्षिक योग्यता को नजरअंदाज कर बूथ लेवल अधिकारी तक बना दिया गया है। इससे परेशान सफाईकर्मी ड्यूटी कटवाने के लिए पंचायती राज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ से लेकर जिला पंचायती राज अधिकारी, डीएम, मुख्य निर्वाचन अधिकारी और मुख्यमंत्री कार्यालय तक के चक्कर काट रहे हैं।
उत्तर प्रदेश पंचायती राज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष रामकिशन ने बताया कि बख्शी का तालाब में तैनात सफाई कर्मचारी मनोज कुमार व अरविंद मिश्रा जूनियर हाईस्कूल पास हैं। इन्हें न तो बीएलओ के कामों की जानकारी है और न ही इसकी जिम्मेदारियों का अंदाजा है। बावजूद इसके इन्हें बीएलओ बना दिया गया है। अब न तो ये अपनी ग्राम पंचायत में ठीक से झाडू मार पा रहे हैं और न ही बीएलओ का काम कर पा रहे हैं।
अधिकारियों के आदेश पर इन्हें बूथ पर डटे रहना पड़ता है। जिला मंत्री चंद्रभान सिंह ने बताया कि निकाय चुनाव के लिए जिला प्रशासन ने विभागीय अधिकारियों से कर्मचारियों की सूची मांगी थी। डीपीआरओ कार्यालय ने सूची उपलब्ध करवा दी। इस पर जिला प्रशासन ने सफाईकर्मियों को सीधे बीएलओ का चार्ज देकर पत्र थमा दिया।
माली को भी सौंप दी गई जिम्मेदारी
अंबेडकर पार्क स्मारक कर्मचारी समिति के मालियों को भी जिला प्रशासन ने बीएलओ की जिम्मेदारी सौंप दी है। मात्र साक्षर ये माली मतदाताओं के घर जाकर उनसे ही लिखा-पढ़ी करवा रहे हैं। इससे निर्वाचन कार्यों की गंभीरता पर भी सवाल उठ रहे हैं।
हल निकालने का होगा प्रयास
जिला पंचायती राज अधिकारी शाश्वत आनंद सिंह का कहना है कि उच्च अधिकारियों से वार्ता कर मामले का हल निकालने का प्रयास करेंगे।
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