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रविवार, 18 दिसंबर 2022

यूपी में 1 अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त कार्मिकों का PRAN पंजीकरण के बिना वेतन रोकने के आदेश



 यूपी में 1 अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त कार्मिकों का PRAN पंजीकरण के बिना वेतन रोकने के आदेश

उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव प्रशान्त त्रिवेदी ने उत्तर प्रदेश के समस्त अपर मुख्य सचिव / प्रमुख सचिव / सचिव, समस्त जिलाधिकारी, समस्त विभागाध्यक्ष / कार्यालयाध्यक्ष , समस्त मुख्य / वरिष्ठ कोषाधिकारी व समस्त आहरण वितरण अधिकारी को दिनांक 16 दिसम्बर, 2022 को डी0डी0ओ0 पोर्टल (upkosh.up.nic.in) पर राज्य कर्मचारियों के Employee Beneficiary Master dedup.gov.in पर File का रख-रखाव करने के साथ 01 अप्रैल, 2005 के बाद नियुक्त कार्मिकों का वेतन PRAN पंजीकरण के बिना आहरण न करने का आदेश दिया है।

उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव प्रशान्त त्रिवेदी द्वारा भेजे गए आदेश में कहा गया है कि उपर्युक्त विषयक शासनादेश दिनांक 10 अक्टूबर, 2013 व शासनादेश दिनांक 12 जून, 2017 में दी गयी व्यवस्थानुसार SOSOओ0 पोर्टल पर Employee Beneficiary Master File में कार्मिकों के विवरण शुद्ध रूप से रक्षित किये जाने का पूर्ण दायित्व सम्बन्धित आहरण वितरण अधिकारियों का है।

कार्मिको से सम्बन्धित सभी प्रकार के भुगतान यथा वेतन, जी0पी0एफ0 से अग्रिम, अन्य विभिन्न अग्रिम आदि के आहरण तथा सम्बन्धित कार्मिक के भुगतान की कार्यवाही आहरण वितरण अधिकारी द्वारा की जाती है। अतः यह सुनिश्चित करने का दायित्व पूर्णतया आहरण वितरण अधिकारी का है कि भुगतान नियम संगत है तथा सही बैंक खातें में जा रहें है।

शासन के संज्ञान में आया है कि कतिपय आहरण वितरण अधिकारियों द्वारा Employee Beneficiary Master File के updation में यथेष्ट सर्तकता नहीं बरती जा रही है जिसके कारण अनियमित एव फर्जी भुगतान की सम्भावना बनी रहती है। अतः डी0डी0ओ0 पोर्टल पर Employee Beneficiary Master File के updation की प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित बनाये जाने की आवश्यकता का अनुभव किया जा रहा है।


उपरोक्त पर सम्यक विचारोपरान्त शासन द्वारा निम्नानुसार कार्यवाही किये जाने का निर्णय लिया गया है



(i) डी0डी0ओ0 पोर्टल पर Employee Beneficiary Master File का updation आहरण वितरण अधिकारी द्वारा स्वयं किया जायेगा तथा किसी भी दशा में अपना लागिन आई0डी0 पासवर्ड, डी0एस0सी0 आदि अपने अधीनस्थ कर्मचारी को प्रयोगार्थ कदापि नहीं दिया जायेगा। Employee Beneficiary Master File के updation को आहरण वितरण अधिकारी द्वारा Approve किये जाने पर उक्त फाइल में कार्मिकों के बैंक खाते (जिसमें कार्मिक का वेतन, जी.पी.एफ. अग्रिम तथा अन्य देयकों का भुगतान नियमित रूप से किया जा रहा है) सम्बन्धी विवरण फ्रीज (freeze) हो जायेंगे।


(ii) डी0डी0ओ0 पोर्टल पर सरकारी कर्मचारियों की Employee Beneficiary Master File में कर्मचारियों के बैंक खाता संबंधी विवरण (फील्ड) में संशोधन करने की अनुमति आहरण वितरण अधिकारी को नही होगी।


(iii) अपरिहार्य परिस्थितियों में यदि किसी कार्मिक का बैंक खाता नम्बर एवं आई०एफ०एस०सी० कोड में परिर्वतन किया जाना आवश्यक ‘ जाये तो संबंधित कार्मिक के लिखित आवेदन पर उसके आहरण वितरण अधिकारी द्वारा पत्रावली पर कार्मिक का सम्पूर्ण विवरण जिसमें कार्मिक का बैंक खाता पास बुक की प्रति तथा KYC से सम्बन्धित सम्पूर्ण विवरण यथा PAN, Adhaar, Address Proof आदि का उल्लेख आवश्यक रूप से होगा, अंकित करते हुये जिलाधिकारी से अनुमोदन प्राप्त किया जाना अनिवार्य होगा। इसके उपरान्त आहरण वितरण अधिकारी संबंधित कार्मिक का बैंक खाता संबंधी विवरण Updation हेतु अनफ्रीज (unfreeze) किये जाने हेतु मुख्य / वरिष्ठ कोषाधिकारी से अनुरोध करेगा। आहरण वितरण अधिकारी द्वारा कार्मिक के बैंक खाता संबंधी विवरण को update एवं Approve कर लेने पर कार्मिक का updated विवरण पुन: फ्रीज (freeze) हो जायेगा ।


(iv) राज्य सरकार के समस्त कार्मिकों हेतु आयकर स्थायी खाता संख्या (PAN) प्राप्त किया जाना अनिवार्य होगा। इससे NSDL की PAN Verification सर्विस के माध्यम से प्रत्येक कार्मिक का Verification किया जा सकेगा।

(v) राज्य सरकार की सेवा में दिनांक 01 अप्रैल, 2005 के बाद नियुक्त कार्मिकों का वेतन आहरण संबंधित कार्मिको को PRAN पंजीकरण के विना न किया जाये ।

(vi) प्रदेश में वर्ष 2018 से लागू भारतीय रिजर्व बैंक की ई-कुवेर प्रणाली में NPCI के माध्यम से Account Verification सुविधा क्रियान्वित किये जाने हेतु निदेशक, कोषागार द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक से समन्वय स्थापित करते हुये उक्त कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाय।

अपर मुख्य सचिव द्वारा भेजा गया देश के अंत में कहा गया है कि कृपया उपरोक्त व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू कराते हुये कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करायें।गौरतलब है कि एनपीएस को पीएफआरडीए (पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण) द्वारा पेंशन प्रणाली के तहत स्वैच्छिक योजना बताया गया है जो कि 18-60 वर्ष के आयु वर्ग के सभी नागरिकों के लिए उपलब्ध है।

उत्तर प्रदेश के जनपद बदायूं में कार्यरत शिक्षक उमेश कुमार ने बताया कि उच्च न्यायालय इलाहाबाद के अधिवक्ताओं से वार्ता लगातार जारी है। उच्च न्यायालय इलाहाबाद की लखनऊ पीठ से पुराने केस की फाइल प्राप्त ना हो पाने के कारण वाद प्रस्तुत नहीं किया जा सका। शिक्षक उमेश कुमार ने बताया कि अपर मुख्य सचिव प्रशांत द्विवेदी द्वारा दिए गए दिनांक 16/12/ 2022 का शासनादेश शिक्षकों के लिए कोर्ट केस में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो शिक्षकों के लिए संजीवनी बूटी का काम करेगा। 

अब हम इसी आदेश के अनुसार प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन को मुख्य पार्टी बनाएंगे और न्यायालय के समक्ष वाद प्रस्तुत करेंगे। उमेश ने कहा कि यूपी के परिषदीय विद्यालयों में गठित सभी शिक्षक उत्तर प्रदेश शासन के खिलाफ इस याचिका में सामूहिक रूप से प्रतिभाग करें जिससे हमें अपने उद्देश्य में सफलता प्राप्त हो। अलग-अलग वाद दायर करने से हमें उद्देश्य प्राप्ति में देरी होने की पूर्ण संभावना है ।


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