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मंगलवार, 6 दिसंबर 2022

72,825 शिक्षक भर्ती की सुनवाई की डेट 8 दिसंबर घोषित, जानिए ,अब तक क्यों नहीं मिली नियुक्ति



72,825 शिक्षक भर्ती की सुनवाई की डेट 8 दिसंबर घोषित, जानिए अब तक क्यों नहीं मिली नियुक्ति

72825 शिक्षक भर्ती विवाद

72825 शिक्षक भर्ती का विवाद सूबे में अखिलेश सरकार बदलने के बाद तब शुरू हुआ जब तत्कालीन मायावती की सरकार ने 72825 भर्ती टीईटी के आधार पर कराने का फैसला लिया था। तत्कालीन मायावती की सरकार ने 72825 शिक्षक भर्ती का प्रस्ताव शिक्षक पात्रता परीक्षा की मेरिट के अनुसार भर्ती करने के लिए निकाला था जिसमें कहा गया था कि टीईटी मेरिट के आधार पर 72825 शिक्षक भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जाएगी।


अखिलेश सरकार में आया 72825 शिक्षक भर्ती का नया विज्ञापन

आपको बता दें कि 2012 में मायावती की सरकार चली गई और उत्तर प्रदेश में सपा की अखिलेश यादव सरकार सत्ता में आ गई। इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बसपा सरकार में निकले 72825 शिक्षक भर्ती के विज्ञापन को रद्द करते हुए 2012 में 72825 शिक्षक भर्ती के ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए। 2012 में निकले न्यू एड शिक्षक भर्ती की नियमावली को अकैडमी मेरिट पर रखा गया था।


टेट मेरिट बनाम एकेडमिक मेरिट के अभ्यर्थी पहुंचे कोर्ट

मायावती सरकार में निकले टेट मेरिट बेस्ड विज्ञापन पर शिक्षक भर्ती के पक्षधर अभ्यर्थी अखिलेश सरकार में निकले एकेडमिक स्तर पर न्यू शिक्षक भर्ती के विज्ञापन को लेकर कोर्ट चले गए। मतलब 72825 में अप्लाई करने वाले टेट मेरिट बेस्ड बनाम एकेडमिक मेरिट बेस्ड के अभ्यर्थी आमने-सामने आ गए जिससे 72825 शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया अटक गई।


72825 भर्ती के निकले दो विज्ञापन

उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती के लिए 72825 शिक्षक भर्ती के तो विज्ञापन निकले थे पहला विज्ञापन टेट मेरिट के आधार पर मायावती सरकार के शासन में निकाला गया था जिसे रद्द करते हुए बसपा के बाद उत्तर प्रदेश में सत्ता में आई सपा सरकार ने ऑनलाइन 72825 शिक्षक भर्ती का दूसरा नया विज्ञापन निकाला। सूत्रों की मानें तो दोनों विज्ञापनों की नियमावली का स्तर अलग-अलग था।72825 शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया कोर्ट में वर्षों चली और सुप्रीम कोर्ट के द्वारा नवंबर 2015 में एक अंतरिम आदेश के तहत मायावती शासन में निकले विज्ञापन पर 72825 शिक्षक भर्ती में अचयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी गई जिसमें कोर्ट द्वारा कहा गया कि यह सारी नियुक्तियां कोर्ट के अंतिम आदेश के अधीन रहेंगी।


72825 शिक्षक भर्ती में सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सन् 2017 में 72825 शिक्षक भर्ती में सुप्रीम कोर्ट का अंतिम आदेश आया जिसमें कहा गया कि भले ही मायावती सरकार में निकला शिक्षक भर्ती का विज्ञापन सर्विस रूल के अकॉर्डिंग नहीं है मगर कोर्ट की लंबी प्रक्रिया के तहत नवंबर 2015 से अब तक 2 वर्षों में नियुक्त शिक्षक सेवाएं दे चुके हैं और सरकार से वेतन भी प्राप्त कर चुके हैं इसलिए बसपा शासन में निकले शिक्षक भर्ती के विज्ञापन पर नियुक्त अभ्यर्थियों को टस से मस नहीं किया जाएगा अर्थात अब तक संपन्न हो चुकी भर्ती को नहीं बदला जाएगा क्यों कि नियुक्त शिक्षक भी कोर्ट के अंतरिम आदेश के तहत ही भर्ती हुए हैं।


72825 रिक्त पदों पर कोर्ट का आदेश

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने एक और अहम आदेश दिया इसके तहत कहा गया कि 72825 शिक्षक भर्ती के शेष पदों को सरकार अन्य विज्ञापन को निकालकर भर्ती कर सकती है। मगर रिक्त पदों को लेकर सरकार ने न तो कोई विज्ञापन निकाला और ना ही इन पदों पर भर्ती की। गौरतलब है कि 72825 के रिक्त 6170 पदों का मामला भी सुप्रीम कोर्ट में अभी तक लंबित है जिसकी सुनवाई 9 दिसंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तावित है।


सुप्रीम कोर्ट ने न्यू ऐड पर शिक्षक भर्ती को दी थी लिबर्टी

सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए 2017 के आदेश के चलते जहां बसपा शासन में निकली 72825 शिक्षक भर्ती संपन्न होने के बाद कोर्ट द्वारा कोई अन्य आदेश नहीं दिया गया मगर 72825 के न्यू ऐड पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को शिक्षकों की भर्ती करने की लिबर्टी दी थी। बता दें 2012 के न्यू ऐड विज्ञापन पर शिक्षक भर्ती के लिए सुप्रीम कोर्ट में सपा सरकार गई थी। लिबर्टी मिलने के बाद सपा सरकार न्यू ऐड पर शिक्षकों की भर्ती कर पाती इससे पहले ही 2017 में प्रदेश में योगी सरकार आ गई है।


72825 शिक्षक भर्ती के न्यू ऐड पर क्यों नहीं हुई शिक्षक भर्ती

अब गौर करने वाली बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा लिबर्टी मिलने के बावजूद 72825 शिक्षक भर्ती के न्यू ऐड पर अचयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति क्यों नहीं मिली। इसका सबसे बड़ा कारण था सपा सरकार जाने के बाद भाजपा की योगी सरकार का सत्ता में आना।


लिबर्टी की आस में बैठे चयनित अभ्यर्थी

सुप्रीम कोर्ट के अंतिम आदेश में न्यू ऐड पर लिबर्टी प्राप्त अचयनित अभ्यर्थी सूबे में आई योगी सरकार के साथ इस आस में इंतजार करते रहे की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई लिबर्टी के शिक्षक भर्ती के विज्ञापन पर नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ करेंगे मगर ऐसा नहीं हुआ।


न्यू एड पर लिबर्टी प्राप्त अचयनित अभ्यर्थियों ने किया आंदोलन

न्यू ऐड पर नियुक्ति की आस लगाए बैठे अभ्यर्थियों ने काफी इंतजार किया इसके बाद नियुक्ति के लिए लखनऊ के इको गार्डन में बीएड टेट 2011 अचयनित बेरोजगार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील यादव के निर्देशन में वृहद आंदोलन किया जिसमें पूरे प्रदेश भर से हजारों अभ्यर्थी इको गार्डन में एकत्रित हुए और योगी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।


इको गार्डन के आंदोलन का मुख्यमंत्री योगी ने लिया संज्ञान

न्यू एड शिक्षक भर्ती के विज्ञापन पर आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों का धरना प्रदर्शन खत्म करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अभ्यर्थियों को बुलाकर तत्कालीन डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की जिसको पूरी जांच करने के बाद मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था मगर डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में गठित कमेटी की रिपोर्ट न तो मुख्यमंत्री के पास पहुंची और ना ही आज तक सार्वजनिक की गई।


न्यू एड पर नियुक्ति से वंचित अभ्यर्थियों ने ली कोर्ट की शरण

न्यू ऐड पर शिक्षक भर्ती ना होता देख अभ्यर्थियों ने कोर्ट में याचिका दायर की और न्यू एड पर शिक्षक भर्ती करने की मांग रखी।


न्यू एड शिक्षक भर्ती की सुनवाई 8 दिसंबर 2022 को होगी

हाल ही में संगठन के अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया न्यू एड शिक्षक भर्ती की डेट कोर्ट में 8 दिसंबर लग चुकी है जिसकी नियत तिथि पर सुनवाई होगी।

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