Breaking

Primary Ka Master Latest Updates | Education News | Employment News latter 👇

मंगलवार, 13 दिसंबर 2022

NPS के बाध्यकारी आदेश के खिलाफ कोर्ट जाएंगे शिक्षक, स्वैच्छिक NPS को बाध्यकारी बनाने में जुटा विभाग

 

NPS के बाध्यकारी आदेश के खिलाफ कोर्ट जाएंगे शिक्षक, स्वैच्छिक NPS को बाध्यकारी बनाने में जुटा विभाग

शिक्षा विभाग द्वारा NPS को बाध्यकारी किए जाने के खिलाफ यूपी से लामबंद हो रहे हैं शिक्षक देशभर में पुरानी पेंशन को चलाए जा रहे आंदोलनों के बीच उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षक एनपीएस के खिलाफ कोर्ट का रुख करेंगे। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को पुरानी पेंशन के स्थान पर स्वैच्छिक आधार पर राज्यों में सरकारी कर्मचारियों के लिए एनपीएस देने के लिए केंद्र सरकार का राज्यों के लिए जो आदेश था उसको पीएफआरडीए (पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण) द्वारा पेंशन प्रणाली के तहत स्वैच्छिक योजना बताया गया जो कि 18-60 वर्ष के आयु वर्ग के सभी नागरिकों के लिए उपलब्ध है मगर NPS स्वैच्छिक ना होकर बाध्यकारी आदेश बनता जा रहा है।

उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में बेसिक शिक्षा अधिकारियों के द्वारा शिक्षकों को एनपीएस लेने के लिए बाध्यकारी आदेश दिए जा रहे हैं। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के जनपद बदायूं का है जहां जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आनंद प्रकाश शर्मा द्वारा एनपीएस ना लेने वाले शिक्षकों का वेतन अवरुद्ध किए जाने का आदेश दिया है। जनपद बदायूं के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आनंद प्रकाश शर्मा ने जनपद के सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को आदेश भेजकर कहा है कि 01 अप्रैल, 2005 के उपरान्त नियुक्त तथा प्रान आवंटन कटौती से वंचित परिषदीय शिक्षकों/शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के प्रान नम्बर आवंटन सम्बन्धी आवेदन पत्रों को पूर्ण रूप से भरवाकर प्रान आवंटन एवं कटौती न कराये जाने पर प्रथम चरण में पात्र महिला शिक्षिकाओं / शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का माह नवम्बर 2022 का वेतन अवरुद्ध करते हुये प्रान आवंटन हेतु आवेदन पत्र उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया था।

उक्त के कम में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, शाखा बदायूँ द्वारा दिये गये प्रत्यावेदन के अनुरोध के आधार पर माह नवम्बर, 2022 के वेतन पर लगाई गई रोक को इस प्रतिबन्ध के साथ समाप्त की जायेगी कि सम्बन्धित शिक्षकों/शिक्षणेत्तर कर्मचारियों द्वारा 03 दिन के मध्य अपना प्रान आवंटन आवेदन पूर्ण रूप से भरकर उपलब्ध करवा दे।अन्यथा की स्थिति में उनका वेतन अग्रिम आदेशों तक अवरुद्ध कर दिया जाएगा। ऐसे ही आदेश उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों द्वारा निर्गत किए गए जिसके चलते ना चाहते हुए भी शिक्षकों को एनपीएस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। बता दें कि NPS लेने को मजबूर हुए शिक्षक पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे थे।

एनपीएस के बाध्यकारी आदेश को कोर्ट में घसीटने वाले बदायूं के शिक्षक उमेश गंगवार ने बताया कि प्रदेश के अभी ऐसे कई जनपद है जिसमें हजारों शिक्षकों ने एनपीएस को नहीं चुना ऐसे शिक्षकों को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों के द्वारा वेतन अवरुद्ध कर देने का खौफ दिखाकर शिक्षको को एनपीएस लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है। हजारों शिक्षकों के द्वारा ना चाहते हुए भी वेतन अवरुद्ध हो जाने के डर से एनपीएस ले लिया गया है।

NPS in Lakhimpur Kheri

मार्च 2019 में जनपद लखीमपुर में भी ब्लॉक स्तर पर शिक्षकों को एनपीएस देने के बाध्यकारी आदेश के चलते मुहिम के तहत फॉर्म भरवाया गया था।

NPS in Sant Kabir Nagar

गौरतलब है कि जनपद संत कबीर नगर में भी 15 सौ से अधिक शिक्षकों का नवंबर माह का वेतन एनपीएस ना लेने के चलते जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के लेखा विभाग ने इन शिक्षकों का नवंबर माह का वेतन रोक दिया। वेतन रोकना मानवाधिकारों का हनन है जिसके बाद राज्य शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष नवीन त्रिपाठी ने कहा कि यदि शिक्षकों का वेतन पांच दिसंबर तक नहीं आता है तो उसी दिन से शिक्षक बेमियादी धरने पर बैठेंगे।

संत कबीर नगर के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार तिवारी ने बताया कि वर्ष 2004 में सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को बंद कर वर्ष 2005 में नई पेंशन योजना लागू की थी। इसके तहत शिक्षकों के वेतन से हर माह कुछ रकम की कटौती होती है। उन्होंने कहा कि जिले में वर्ष 2011 के बाद से तैनात हुए शिक्षकों ने इसका लाभ नहीं लिया।

NPS in Etawah!

उत्तर प्रदेश के जनपद इटावा में भी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के एनपीएस देने के बाध्यकारी आदेश के खिलाफ एनपीएस कटौती के विरोध में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक के बैनर तले शिक्षकों ने गत सोमवार को बीएसए कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया जहां उनके द्वारा अधिकारियों पर कटौती का दबाव बनाने का आरोप लगाया।  

बदायूं के शिक्षक उमेश कुमार ने बताया की एनपीएस देने के जबरदस्ती वाले आदेश के खिलाफ उत्तर प्रदेश भर के शिक्षक कोर्ट का सहारा लेंगे। उमेश ने कहा कल दिनांक 14 दिसंबर तक कोर्ट में एनपीएस में शिक्षकों की जबरदस्ती कटौती के खिलाफ हम याचिका दायर कर देंगे। 

गौरतलब है कि मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडे द्वारा नवीन पेंशन योजना से आच्छादित कार्मिकों का PRAN आवंटित कराने तथा वेतन से नियमित अंशदान की कटौती के संबंध में 22 नवंबर 2018 को आदेश निर्गत किया गया था मगर इस आदेश में यह भी कहा गया था कि सभी पक्षों को प्रेरित कर अधिक से अधिक मात्रा में PRAN आवंटित कराये जाये परन्तु इस हेतु किसी कर्मचारी का वेतन न रोका जाय ।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें