यूपी सरकार का ऐलान: सेवानिवृत्ति से पूर्व असामयिक मृत्यु की दशा में मिलेगी ग्रेच्युटी, क्या होती है ग्रेच्युटी? और कैसे होती है कैलकुलेट? जानिए
उत्तर प्रदेश की बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के लिए वर्तमान समय में ग्रेच्युटी के दो प्रतियों के फॉर्म कई सेट में भरवाए जा रहे हैं जिसको लेकर शिक्षक इस पशोपेश में है कि क्या यह ग्रेच्युटी का फॉर्म उन्हें भरना चाहिए या नहीं।
हर सरकारी कर्मी के मन में सबसे पहला प्रश्न उठता है कि आखिर ग्रेच्युटी है क्या…?बतौर सरकारी कर्मियों को अपनी सेवा काल में कितनी ग्रेच्युटी मिलती है…? ग्रेच्युटी पाने का हकदार कैसे बना जा सकता है…? और आखिर ग्रेच्युटी को कैलकुलेट कैसे किया जाता है…? क्या सेवाकाल के बाद मिलने वाली ग्रेच्युटी रकम टैक्स फ्री होती है…?और कितनी ग्रेच्युटी पर इनकम टैक्स देना होगा…? इस तरह के दर्जनों सवाल हैं, जो लगभग हर सरकारी कर्मियों के मन में जरूर आता होगा।
आज की इस खबर के माध्यम से ग्रेच्युटी के पूरे विषय में हम आपको जानकारी दे रहे है। मसलन आज हम आपके मन में उमड़ने वाले उन सभी सवालों के जवाब लेकर के आए हैं जिसको लेकर आप पशोपेश में हैं। वहीं दूसरी ओर मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद तथा अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल के शिक्षकों को सेवानिवृत्ति की आयु के पूर्व असामयिक मृत्यु की दशा में ग्रेच्युटी के भुगतान के सम्बन्ध में प्रस्तुत प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद तथा अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल के शिक्षकों को सेवानिवृत्ति की आयु के पूर्व असामयिक मृत्यु की दशा में ग्रेच्युटी के भुगतान के सम्बन्ध में प्रस्तुत प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।#UPCabinet pic.twitter.com/dXnpsuy5td
— Government of UP (@UPGovt) January 28, 2023
क्या है ग्रेच्युटी…?
एक ही कंपनी या सरकारी विभाग में वर्षों सेवा देने वाले कर्मचारियों को उनको वेतन या सैलरी के साथ सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन और प्रोविडेंट फंड के अलावा ग्रेच्युटी भी दी जाती है। सरकारी या प्राइवेट कर्मियों को मिलने वाले वेतन या सैलरी के उस हिस्से को ग्रेच्युटी कहते है जो आपका नियोक्ता अर्थात एम्प्लॉयर या फिर आपकी कंपनी आपकी वर्षों की सेवाओं के बदले देता है।मतलब ग्रेच्युटी वह लाभकारी योजना है, जो नौकरी से रिटायरमेंट के बाद के लाभों का हिस्सा है।जिसमें नौकरी छोड़ने या सेवानिवृत्ति हो जाने पर संबंधित कर्मचारियों को नियोक्ता द्वारा दिया जाता है।
मैं ग्रेच्युटी का हकदार कब बनूंगा…?
कहीं भी सेवाकाल के दौरान ग्रेच्युटी का छोटा हिस्सा कर्मचारी की सैलरी से कटता है और एक बड़ा हिस्सा कंपनी की तरफ से दिया जाता है। वर्तमान नियमानुसार प्राइवेट या सरकारी सेवा में 5 साल सेवा देने के बाद वह ग्रेच्युटी का हकदार बन जाता है।
पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972
पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के तहत ग्रेच्युटी का लाभ ऐसे सभी संस्थानों में मिलता है जहां 10 से अधिक एंप्लॉई काम करते हैं। कर्मचारियों के द्वारा नौकरी बदलने या सेवानिवृत्ति हो जाने के बाद अगर वह ग्रेच्युटी के नियमों को पूरा करता है तो उसे ग्रेच्युटी का लाभ दिया मिलता है।
ग्रेच्युटी कैसे कैलकुलेट करते हैं ?
ग्रेच्युटी कैलकुलेट करने का एक तय फॉर्मूला है। कर्मचारी के 5 साल सेवा पूरी करने के बाद हर साल के बदले अंतिम महीने के बेसिक वेतन और महंगाई भत्ते को जोड़कर पहले 15 से गुणा किया जाता है, फिर सेवा में दिए गए सालों की संख्या से, और इसके बाद हासिल होने वाली रकम को 26 से भाग दे दिया जाता है, और वही आपकी ग्रेच्युटी है यानी फॉर्मूला हुआ…
कुल ग्रेच्युटी की रकम = (अंतिम सैलरी) x (15/26) x (कंपनी में कितने साल काम किया)
एक बात ध्यान रखने योग्य यह भी है कि महीने में केवल 26 दिन ही काउंट किया जाता है, क्योंकि माना जाता है कि 4 दिन छुट्टी होती है। वहीं एक साल में 15 दिन के आधार पर ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन होता है।
मान लीजिए, आपने किसी संस्थान में 25 नौकरी की है, और आपकी अंतिम बेसिक सैलरी 80 हजार रुपये थी, जिस पर आपको 40 हजार रुपये महंगाई भत्ता मिलता था… सबसे पहले यह समझिए कि 80,000 और 40,000 की रकमों को जोड़ेंगे, जिनसे आपके पास 120,000 की रकम आएगी। इस रकम को 15 से गुणा करने पर 18 लाख मिलेगा ।
फिर इस रकम को आपको अपनी सेवा के साल, यानी 25 से गुणा करना होगा, और अब आपको 4,50,00,000 की रकम हासिल होगी। अब अंत में इस रकम को आप 26 से भाग देंगे, तो आपको मिलेगा 1730769.23 बस, यही आपकी ग्रेच्युटी है। किसी भी कर्मी को अधिकतम 20 लाख तक की ग्रेच्युटी मिलती है।
क्या ग्रेच्युटी टैक्स-फ्री है…?
अगर दिए गए फार्मूले के अनुसार आपने अपनी ग्रेच्युटी को कैलकुलेट किया है तो अधिकतम 20 लाख रुपए तक मिलने वाली रकम पूरी तरीके से टैक्स फ्री होगी। मतलब इस रकम पर आपको सरकार को किसी प्रकार का कोई भी टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
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