UPPSC : वैकल्पिक विषय हटे तो खत्म हो जाएगा स्केलिंग का विवाद, अभ्यर्थी लंबे समय से कर रहे हैं मांग
पीसीएस की मुख्य परीक्षा से अगर वैकल्पिक विषय हटे तो स्केलिंग का विवाद भी हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा। प्रतियोगी छात्र लंबे समय से यह मांग कर रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि इस बार उनकी सुनवाई होगी। छात्र अब पीसीएस-2023 का विज्ञापन जारी होने का इंतजार कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के अधिकारी भले ही आधिकारिक रूप से बोलने को तैयार न हों, लेकिन सोशल मीडिया पर छात्रों के बीच यह चर्चा तेजी से फैल रही है कि आयोग इस बार पीसीएस मुख्य परीक्षा से वैकल्पिक विषय हटाने जा रहा है और इसके लिए शासन को प्रस्ताव भी भेजा चुका है। अगर ऐसा हुआ तो मानविकी विषयों से पीसीएस मेंस में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिलेगी।
स्केलिंग को लेकर पीसीएस-2018 में काफी विवाद हुआ था। परिणाम आने के बाद प्रतियोगी छात्रों ने दावा किया था कि स्केलिंग के कारण हिंदी भाषी और मानविकी विषयों के अभ्यर्थियों को नुकसान हुआ है और पीसीएस-2018 में चयनित आधे अभ्यर्थी यूपी से बाहर अन्य राज्यों के हैं। इसके बाद से ही मांग तेज हो गई कि पीसीएस मुख्य परीक्षा से वैकल्पिक विषय हटाए जाएं।
मानविकी विषयों के अभ्यर्थियों की अक्सर यह शिकायत रहती है कि विज्ञान विषय के अभ्यर्थियों के मुकाबले उन्हें कम अंक मिलते हैं। साथ ही स्केलिंग के नाम पर अंक घटाए-बढ़ाए जाने से उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। सोशल मीडिया पर अभ्यर्थियों के बीच चर्चा है कि आयोग मुख्य परीक्षा से वैकल्पिक विषय हटाकर उसकी जगह उत्तर प्रदेश आधारित प्रश्नपत्र शामिल किए जाने की तैयारी कर रहा है।
सोशल मीडिया पर अभियान चला रहे प्रतियोगी छात्र नेता कौशल सिंह का कहना है कि अभ्यर्थियों को पीसीएस-2023 का विज्ञापन जारी होने का इंतजार है। विज्ञापन में मुख्य परीक्षा का पाठ्यक्रम भी दिया जाता है। अगर बदलाव होता है तो उत्तर प्रदेश के प्रतियोगियों को बड़ी राहत मिलेगी। इसके साथ ही स्केलिंग का विवाद भी खत्म हो जाएगा।
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