26 हजार छात्रों का छात्रवृत्ति डेटा संदिग्ध, जांच के आदेश
रायबरेली। डिग्री कॉलेजों व अन्य शैक्षिक संस्थानों में अध्ययनरत छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति के 26,091 छात्रों का डेटा संदिग्ध मिला है। समाज कल्याण निदेशालय के स्तर पर जांच में मामला पकड़ में आने के बाद समाज कल्याण विभाग ने सभी कॉलेजों से पत्रावली तलब की है। कॉलेजों को तीन दिन का समय दिया गया है। सभी प्रपत्रों की जांच की जाएगी। प्रपत्र सही न मिलने पर आवेदनों को निरस्त कर दिया जाएगा।
जिले में अनुसूचित जाति, जनजाति, सामान्य वर्ग और पिछड़ी जाति के 54,962 छात्र-छात्राओं ने छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है। इसमें 28871 आवेदन सही पाए गए हैं। निदेशालय स्तर पर जांच में 26,091 छात्र-छात्राओं के डेटा संदिग्ध मिला है। नियमानुसार सामान्य वर्ग के परिवार की वार्षिक आय ढाई लाख व एससी परिवार की आय दो लाख होने पर छात्राओं की फीस की भरपाई की जाती है। ऑनलाइन आवेदनों की जांच में नाम, आय, पिछले शैक्षिक रिकॉर्ड, बैंक खाता आदि में गड़बड़ियां पकड़ में आईं हैं।
निदेशालय स्तर पर मामला पकड़ में आने के बाद निदेशक ने जिला समाज कल्याण अधिकारी को संदिग्ध डेटा की जांच कराकर सत्यापन करने के आदेश दिए हैं। निदेशालय का पत्र मिलने के बाद डिग्री कॉलेजों व संस्थाओं के संचालकों को तीन दिन में पूरा डेटा उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए हैं।
इनसेट
छात्र-छात्राओं का संदिग्ध डेटा
जाति इंटर कॉलेज डिग्री कॉलेज
अनुसूचित जाति 1175 5588
सामान्य जाति 676 5547
पिछड़ी जाति 1864 11241
कुल 3715 22376
वर्जन
अभिलेख न मिलने पर निरस्त होगा आवेदन
निदेशालय से सभी जातियों का छात्रवृत्ति से संबंधित करीब 26 हजार संदिग्ध डेटा उपलब्ध कराया गया है। मामले में सभी कॉलेजों से आवेदनों के संबंध में पूरा ब्योरा मांगा गया है। अभिलेख न मिलने पर आवेदनों को निरस्त कर दिया जाएगा।-डॉ. वैभव त्रिपाठी, जिला समाज कल्याण अधिकारी
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