रेलवे ग्रुप डी भर्ती की वेटिंग लिस्ट जारी करने को लेकर आंदोलन, यह तर्क दे रहे अभ्यर्थी
RRB Group D : रेलवे ग्रुप डी भर्ती 2019 की वेटिंग लिस्ट जारी करने और वैकेंसी की संख्या 1.03 लाख से बढ़ाने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने सोशल मीडिया पर जबरदस्त आंदोलन छेड़ दिया है। हैश टैग #railway_groupd_waiting_do के साथ साढ़े तीन लाख से ज्यादा ट्वीट किए जा चुके हैं। अभ्यर्थी अपने ट्वीट में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, पीएमओ, रेल मंत्रालय को टैग कर रहे हैं। अभ्यर्थियों ने डीवी रिजल्ट व कटऑफ, आरक्षण क्राइटेरिया पर रेलवे से स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही 1:1.5 के अनुपात में वेटिंग लिस्ट जारी करने की मांग की है। इसके अलवा अभ्यर्थियों का कहना है कि यह भर्ती 2019 में निकली थी। तब से अब तक रेलवे में जो नए पद आए हैं, उन्हें भी इस भर्ती में शामिल किया जाए और पदों की संख्या को बढ़ाया जाए।
ट्विटर पर आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों ने अपने पोस्ट में लिखा कि रिजर्व कैटेगरी (ओबीसी, एससी, एसटी, EWS) पर सिर्फ उस कैटेगरी के नॉर्मल कैंडिडेट्स का ही अधिकारी है। रेलवे CCAA कैंडिडेट्स को 20 फीसदी आरक्षण देने के चक्कर में आरक्षित वर्गों (एससी, एसटी, ओबीसी, EWS) वालों के रिजर्वेशन पर तलवार चला रहा है। रिजर्व कैटेगरी में ही सीसीएए वालों को रिजर्वेंशन दने से नॉर्मल कैंडिडेट्स की कटऑफ हाई चली गई है। रेलवे के पास वैकेंसी को कम या ज्यादा करने का अधिकारी नहीं है तो क्या चार साल में कोई वैकेंसी नहीं बढ़ी है। रेलवे वैकेंसी को बढ़ाकर सीसीएए कैंडिडेट को वहां समायोजित करे और नॉर्मल कैंडिडेट्स के हित में भी सोचे।
एक अभ्यर्थी ने कहा, 'रेलवे ग्रुप डी भर्ती 2019 लेवल-1 परीक्षा परिणाम में ओबीसी, एससी, एसटी, ईडब्ल्यूएस वर्गों के लिए सुरक्षित आरक्षित पदों पर 50 फीसदी तक रेलवे अप्रेंटिस (सीसीएए) का चयन असंवैधानिक है। ये आरक्षण के नियम के खिलाफ है। अगर आरआरसी को 50 फीसदी सीटें सीसीएए वालों को देनी ही थी तो नॉर्मल कैंडिडेट को पीईटी में तीन गुना किस आधार पर बुलाया, तब तो आरआरसी को 50 प्रतिशत का ही तीन गुना बुलाना चाहिए था। '
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