हर शिक्षक साल के ₹10 हजार देता है, भामाशाह भी आगे आए, 35 लाख से बदली स्कूल की तस्वीर
कोटा । जिले के सालेड़ा खुर्द के राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल में भामाशाहों के सहयोग से 35 लाख से अधिक के काम हुए हैं। इसमें आधे से ज्यादा फंड स्कूल के ही शिक्षकों का है। स्कूल का हर टीचर हर साल 10 हजार रुपए से अधिक स्कूल में दान करता है। ऐसा ये सभी चार साल से करते आ रहे हैं। नतीजा यह रहा कि सहयोग से जुटाई गई रकम से अब स्कूल की तस्वीर पूरी तरह से बदल गई है।
हाल ही में शिक्षा विभाग ने यहां की शाला विकास समिति काे एक लाख रुपए का पुरस्कार दिया है। यह पुरस्कार जीतने वाला जिले का यह एकमात्र स्कूल है। समग्र शिक्षा अभियान की सुनीता शर्मा का कहना है कि चार साल पहले प्रधानाचार्य शाकिर खान की नियुक्ति यहां की गई थी। उन्होंने भामाशाहों और शिक्षकों को प्रेरित किया, जिससे स्कूल में यह बदलाव संभव हो सका है।
हर क्लास में सीसीटीवी कैमरे, एलईडी से पढ़ाई
प्रधानाचार्य शाकिर खान ने बताया कि बंजर, पथरीली जमीन पर हरियाली हो चुकी है। स्कूल के प्रत्येक कमरे में और बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। स्कूल कैंपस में सभी जगह इंटरलॉकिंग हाे रही है। नए कमरे बने हैं। स्कूल में 322 छात्र-छात्राओं का नामांकन है। पिछले दिनों उदयपुर की टीम ने इसका विजिट किया था। उनका कहना था कि स्कूल मंदिर से कम नहीं है। एडीपीसी उषा पंवार का कहना है कि ये स्कूल रोल मॉडल है।
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