गर्मी और छुट्टी से दूध को खतरा स्कूलों में रखा 1 लाख किलो दूध पाउडर 42 डिग्री में खराब होने का खतरा
जिले की 3,608 स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा के बच्चों मेक्रो व माइक्रो न्यूट्रिएंट्स की मात्रा बढ़ाने व उनके स्कूलों में ठहराव के उद्देश्य से दूध पिलाने की योजना शुरू की गई। इसके लिए 3 लाख 62 हजार 625 बच्चों के लिए मंगवाया गया करीब 1 लाख किलो मिल्क पाउडर अब गर्मियों में खराब हो रहा है। शिक्षा विभाग ने गर्मी की छुट्टियाें में मिल्क पाउडर बच्चों को देने के आदेश तो दिए, लेकिन कब, कैसे और किस तिथि को देना है, इसको लेकर कोई निर्देश नहीं मिले। ऐसे में 41 से 42o पारे में ये पाउडर खराब होने की स्थिति में है, जबकि इस पाउडर को 40o से कम तापमान में रखना होता है। स्कूलों में अवकाश 23 जून तक रहेगा और इस मिल्क पाउडर को सप्ताह में 6 दिन पिलाने की योजना 1 जुलाई से शुरू हो रही है।
दरअसल, गत 16 मई से गर्मी की छुट्टियां शुरू हो गई और स्कूलों मिल्क पाउडर के पैकेट भेजे और पुराना स्टॉक भी पड़ा है। जो स्कूल पाउडर नहीं ले रही थी उनको सरकारी आदेश से लेने के लिए मजबूर किया गया। ऐसे में पाउडर ले भी लिया तो स्कूलों में पिलाने वाला कोई नहीं है। एडीईओ ओमप्रकाश गहलोत ने बताया कि संस्था प्रधानों को पाबंद किया है कि वे पाउडर व मिड-डे-मील की खाद्य सामग्री ठंडे व सुरक्षित स्थान पर रखें।
सप्ताह में 6 दिन दूध पिलाने की योजना
ड्रॉप आउट बच्चों को रोकने व नामांकन बढ़ाने के उद्देश्य से मदरसों व सरकारी स्कूलों में मुख्यमंत्री बाल गोपाल दूध योजना गत वर्ष 29 नवंबर से शुरू की गई। उद्घाटन समारोह पर प्रदेश में 7 करोड़ 71 लाख रुपए और जोधपुर में 40 लाख 40 हजार रुपए खर्च हुए थे।
पहली से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों को 15 ग्राम मिल्क पाउडर से 150 एमएल दूध प्रति छात्र और उसमें 8.3 ग्राम चीनी, छठी से आठवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए 20 ग्राम मिल्क पाउडर से 200 एमएल दूध में 10.2 ग्राम चीनी मिक्स करके पिलाने की योजना है। हालांकि शुरूआती समय में इसे मंगलवार और शुक्रवार फिर बुधवार और शुक्रवार और अब सप्ताह में छह दिन मिल्क पाउडर पिलाने के आदेश किए गए हैं।
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