कर्नाटक, केरल सहित अन्य राज्यों में तबादले की पॉलिसी, राजस्थान में 10 साल बाद भी स्थानांतरण नीति लागू नहीं
कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु सहित विभिन्न राज्यों की पॉलिसी का अध्ययन कर राजस्थान में स्थानांतरण पॉलिसी को फाइनल किया गया था, लेकिन अभी तक यह लागू नहीं हुई है। इस कारण राज्य में 30 हजार तृतीय शिक्षक पिछले 12 साल से अपने गृह जिले से दूर कार्यरत हैं। इन शिक्षकों को अपने गृह जिले में आने का मौका अभी तक नहीं मिला है। सरकार 10 साल बाद भी तबादला पॉलिसी लागू नहीं कर पाई है।
इधर, साल के अंत में विधानसभा चुनाव है। ऐसे में आचार संहिता के दौरान तबादले नहीं होने का भय शिक्षकों को है। शिक्षकों को ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान तबादले शुरू होने की उम्मीद थी। 17 मई से गर्मी की छुट्टियां शुरू हो चुकी हैं, लेकिन अभी तक तबादलों को लेकर सरकार ने कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किए हैं। ऐसे में नाराज शिक्षकों ने शिक्षक संघ शेखावत के बैनर तले मंगलवार को शिक्षा निदेशालय के सामने महापड़ाव शुरू कर दिया है। शिक्षक नेताओं का कहना है कि सरकार ने यदि मांगे नहीं मानी तो 28 मई को बीकानेर से जयपुर पैदल मार्च किया जाएगा।
ट्रांसफर खुले तो इन्हें मिल सकती है प्राथमिकता
राज्य में तृतीय श्रेणी के तबादले शुरू करने की चर्चा गर्म है। शिक्षकों सहित सरकार पर विधायकों का भी दबाव है। कयास लगाए जा रहे हैं कि तृतीय श्रेणी तबादलों के लिए एक जिले में 5-6 वर्ष ठहराव, बीमारी, विधवा, परित्यक्ता, एकल महिला आदि के लिए गाइडलाइन व प्राथमिकता तय कर निर्णय लिया जाएगा। तृतीय श्रेणी के तबादले दो प्रकार से करने होते हैं एक तो अपने ही जिले से जिले में तबादला औ दूसरे अन्य जिलों से अपने गृह जिलों में जाने के लिए तबादला। जानकारी के अनुसार विभाग अन्य जिलों से अपने गृह जिलों में आने वाले शिक्षकों की संख्या पर एक्सरसाइज कर रहा है।
स्थानांतरण पर 15 जनवरी से रोक
शिक्षा विभाग में पिछले साल सितंबर माह में तबादलों का दौर शुरू हुआ था जो जनवरी तक चला। 15 जनवरी को राज्य सरकार ने तबादलों पर रोक लगा दी। पिछले साल हुए तबादलों में प्रधानाचार्य, वाइस प्रिंसिपल, व्याख्याता, वरिष्ठ अध्यापक और मंत्रालयिक कर्मचारियों के स्थानांतरण किए गए। लेकिन तृतीय श्रेणी शिक्षकों को मौका नहीं मिला।
2.50 लाख तृतीय श्रेणी शिक्षक, 85 हजार को चाहिए ट्रांसफर, इनमें 30 हजार अन्य जिलों में
शिक्षा विभाग में लगभग 2.50 लाख तृतीय श्रेणी शिक्षक कार्यरत हैं। इनमें 85 हजार को स्थानांतरण चाहिए। वहीं इन शिक्षकों में 30 हजार ऐसे हैं जो गृह जिले से अन्य जिले में कार्यरत हैं। प्रतिबंधित जिलों में कार्यरत होने के कारण पिछले 12 साल से इनका स्थानांतरण नहीं हो पाया है।
तृतीय श्रेणी शिक्षकों के ट्रांसफर सहित अन्य मांगों को लेकर शिक्षा निदेशालय पर महापड़ाव शुरू किया गया है। यदि सरकार ने समय रहते हमारी मांगों को नहीं माना तो 28 मई को बीकानेर से जयपुर पैदल मार्च शुरू किया जाएगा।-उपेंद्र शर्मा, महामंत्री, शिक्षक संघ शेखावत
ट्रांसफर पर अभी रोक है। शिक्षक तबादलों को लेकर राज्य सरकार की ओर से जो दिशा- निर्देश मिलेंगे। उसके मुताबिक प्रक्रिया अपनाई जाएगी।-गौरव अग्रवाल, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा
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