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शुक्रवार, 26 मई 2023

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड 12वीं कला रिजल्ट:रिजल्ट करीब 4% कम पर कोरोनाकाल सेे पहले की परीक्षा से 1.65% ज्यादा, 2021 में 5.86 लाख प्रथम श्रेणी थे, यह रिकॉर्ड




 राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड 12वीं कला रिजल्ट:रिजल्ट करीब 4% कम पर कोरोनाकाल सेे पहले की परीक्षा से 1.65% ज्यादा, 2021 में 5.86 लाख प्रथम श्रेणी थे, यह रिकॉर्ड


राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं कला वर्ग में बीते सात सालों में वर्ष 2021 ऐसा रहा है जिसमें सर्वाधिक 5.86 लाख स्टूडेंट्स की प्रथम श्रेणी बनी थी, वो तब जब स्टूडेंट्स ने परीक्षा भी नहीं दी। कोरोना के बाद हुई 2022 की 12वीं कला वर्ग की परीक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हाेने वाले स्टूडेंट्स की संख्या लुढ़ककर 3.39 लाख पर आ गई, लेकिन यह भी परीक्षा वाले वर्षों में सर्वाधिक रही। इस बार यह आंकड़ा कुछ और कम हुआ है। वर्ष 2023 की बोर्ड परीक्षाओं में प्रथम श्रेणी वाले स्टूडेंट्स की संख्या 3.26 लाख रह गई है। बोर्ड परीक्षाओं के 2017 से 2023 तक के आंकड़ों के विश्लेषण से यह रोचक तथ्य सामने आए हैं। प्रदेश में 12वीं कक्षा में कला वर्ग लेकर परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स की संख्या में हर साल इजाफा ही हो रहा है।2017 में 5.75 लाख स्टूडेंट्स ने 12वीं कला की परीक्षा दी थी। 2022 तक यह संख्या बढ़ कर 6.40 लाख तक पहुंच गई। इस बार 75 हजार स्टूडेंट्स बढ़े और संख्या 7 लाख के पार पहुंच गई। 2017 की तुलना में 2023 में 1.40 लाख स्टूडेंट्स की बढ़ोतरी आर्ट्स विषय में हाे चुकी है।


लगातार दूसरे साल जब परिणाम कम हुआ है, फिर भी 2020 से अधिक है

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं कला वर्ग के तीन सालों के परीक्षा के परिणाम की तुलना पर सामने आता है कि 2021 में परिणाम 99.91 प्रतिशत रहा था। इस वर्ष यह दूसरा साल है जब परिणाम नीचे आया है। वर्ष 2022 में 96.33 प्रतिशत स्टूडेंट्स पास हुए थे और इस वर्ष यह 3.98 प्रतिशत और कम हो कर 92.35 प्रतिशत पर लुढ़क गया है।कला वर्ग का परिणाम भले ही करीब 4 प्रतिशत कम हुआ है, लेकिन कोरोनाकाल के पहले हुई 2020 की परीक्षा से 1.65 प्रतिशत अधिक रहा है। 2020 में 90.70 प्रतिशत स्टूडेंट्स पास हुए थे, इस बार यह परिणाम 92.35 प्रतिशत अधिक रहा है।लड़कियों को नहीं पछाड़ पा रहे लड़के | बोर्ड की 12वीं आर्ट्स में लड़कियों ने अपनी श्रेष्ठता फिर कायम रखी है। लड़कों से हर साल ही 2 से 4 प्रतिशत तक अधिक परिणाम लड़कियों का रहा है। इस बार भी लड़के पिछड़े हैं और लड़कियों ने अपने काे शिखर पर बनाए रखा है। इस बार भी लड़कों की तुलना में लड़कियों का परिणाम 3.5 फीसदी अधिक रहा है। हालांकि इस बार लड़के और लड़कियों का दोनों का ही परिणाम पिछले साल की तुलना में गिरा है। लेकिन यहां भी लड़कियां अधिक नहीं पिछड़ी हैं।

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