जिले में 142 विद्यार्थियों पर औसत एक स्कूल, 3.72 लाख को पढ़ा रहे 13,259 शिक्षक, 4,624 विषय अध्यापकों की और जरूरत
22 लाख की आबादी वाले बांसवाड़ा में पढ़ने वाले 2611सरकारी स्कूलों की एक बड़ी चेन है। न लेकिन शिक्षकों के खाली पद और सुविधाओं की खासी कमी है। मौजूदा शिक्षक और स्टाफ को भी पढ़ाई के अलावा गैर कामों में लगाया जा रहा है है यही वजह है कि विद्यार्थियों और अभिभावकों का रुझान निजी स्कूल की तरफ बढ़ रहा है। आकड़ों पर गौर करे तो जिले में 2611 स्कूली में 3.72 छात्राएं अध्ययनरत है। इस लहानसे औसत 142 पर एक स्कूल है, लेकिन दूसरी के पद खाली है। इससे युक्त शिक्षा बड़ी बनता जा रहा है। यह और मानिक शिक्षा की है, शिक्षा में भी सरकार ने की , लेकिन न तो और न ही स्टाफ की भर्ती की गई है। भास्कर ने इस रिपोर्ट जानने की कोशिश की।
तलवाड़ा में 20 और नूतन स्कूल में शिक्षकों के 13 पद खाली
जिले की सबसे पुरानी स्कूल नूतन उमावि भी याओं की कमी से जूझ रहा है। यह ओं के पद खाली है इनमें हिंदी के 2 उर्दू 1. इंग्लिश 2 कॉमर्स के और कैमेस्ट्री 2. फिजिक्स 1 व्याख्त का प्रमोशन हुआ है। इसमें अब हिंदी और कैमेस्ट्री के पूरे पद खाली हो गए हैं। अगले कुछ दिनों में 3. व्याख्याता प्रिंसिपल में पद होने हैं, जिसमें स्कूल में अंग्रेजी फिजिक्स के पद भी खाली हो जाएंगे। पहले से बाधी और गणित के पद खाली चल रहे हैं। व स्कूल में 11 पद खाली, 3 और हो गए प्रमोट तलाउमावि स्कूल में प्रिंसिपल का ही पद रिक्त है। यहां करीब 50-55 का स्टाफ स्वीकृत है, लेकिन 30 के करीब ही कार्यरत हैं। पहले से स्कूल में लेक्चरर के 11 पद खाली है।
जिले में स्कूलों की संख्या और नामकांति बालक-बालिका
कुल स्कूल नामांकन बालक बालिका ट्रांसजेंडर
2611-------------372758 ------1858-47 -----186907--------4
जिले केस्कूलों में शिक्षकों की स्थिति
स्वीकृत पद
17883
कार्यरत
13250
रिक्त पद
4624
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