गहलोत का कर्मचारियों पर दांव, प्रमोशन के लिए 2 वर्ष के अनुभव में शिथिलता; जानिए कार्मिक विभाग का आदेश
राजस्थान में चुनाव से पहले सीएम अशोक गहलोत ने कर्मचारियों पर दांव खेला है। सभी सेवाओं में प्रमोशन के लिए 2 वर्ष के अनुभव में शिथिलता दी है। कार्मिक विभाग ने आदेश जारी कर दिए है। सरकार ने कर्मचारियों के हित में यह निर्णय लिया है। प्रमोशन में 2023-24 के रिक्ति वर्ष के लिए दी गई है छूट। उल्लेखनीय है कि सीएम अशोक गहलोत कहते रहे है कि कर्मचारियों को प्रमोशन में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। हाल ही में सीएम गहलोत ने सभी विभागों को प्रमोशन से जुड़े कामकाज को तेजी से निपटाने के निर्देश दिए थे।
तीसरी संतान होने पर भी पदोन्नति नहीं रोकी जाएगी
उल्लेखनीय है कि इससे पहले सीएम गहलोत मार्च में राज्य कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। अब तीसरी संतान होने पर भी पदोन्नति नहीं रोकी जाएगी। सरकार के कार्मिक विभाग की ओर से सरकार के इस फैसले के बाद आदेश जारी कर दिए गए हैं। गुरुवार को सर्विस रूल्स में संशोधन के आदेश जारी होने के बाद राज्य कर्मचारियों के बीच यह आदेश खुशखबरी के रूप में वायरल हो गया। एक जून 2002 के बाद 2 से अधिक बच्चा होने पर भी कर्मचारियों को प्रमोशन का फायदा मिलेगा।
बीजेपी सरकार ने नियम लागू किया था
करीब 19 साल पहले तत्कालीन बीजेपी सरकार ने 2004 में इस संबंध में नियम लागू किया था। जिसके तहत किसी कर्मचारी को तीसरी संतान होने पर पदोन्नति पर रोक लगा दी गई थी। यह रोक 5 साल तक लागू रहने वाली थी। लेकिन 14 साल बाद यानी 2017 में बीजेपी की ही सरकार ने प्रमोशन की अवधि तीन साल कर दी।बीजेपी के 2017 के आदेशों के बाद अब कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार ने नया आदेश जारी किया है। सरकार के नए नियमों के तहत अब तीसरी संतान होने पर प्रमोशन नहीं रुकेगा। साथ ही सैलेरी में बढ़ोतरी भी नहीं रुकेगी।
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