पढ़ाएंगे नहीं...विभागीय कार्य के नाम पर 300 शिक्षक उठाएंगे तीन करोड़
जयपुर. राजस्थान यूनिवर्सिटी में एक मई से गर्मी की छुट्टियां शुरू हो गई हैं। लेकिन यूनिवर्सिटी के आधे से ज्यादा शिक्षक छुट्टियों पर नहीं जाना चाहते। काम करने की ललक ऐसी है कि शिक्षक छुट्टियों में भी यूनिवर्सिटी आना चाहते हैं। ये शिक्षक पढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि विभागीय कार्य करने में रुचि दिखा रहे हैं। करीब 300 शिक्षकों ने गर्मी की छुट्टियों में भी रुके रहने की इच्छा जताई है। ऐसे में यूनिवर्सिटी इन शिक्षकों को सीसीएल के तीन करोड़ रुपए तक भुगतान भी करेगी। वहीं, दूसरी ओर पीजी सेमेस्टर का कोर्स अधूरा चल रहा है। लेकिन यूनिवर्सिटी ने एकेडमिक सेशन नहीं बढ़ाया। ऐसे में बिना पढ़ाए शिक्षकों को करोडों रुपए का भुगतान दिए जाने पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
यूनिवर्सिटी 300 शिक्षकों पर तीन से चार करोड़ का भुगतान कर फिजूलखर्च कर रही है। इसके बदले विवि कक्षाएं चलाए। कोर्स अधूरा होने के कारण यह आवश्यक है। अप्रेल में सेमेस्टर शुरू किए गए हैं। इसके बाद एक मई से छुट्टियां शुरू हो गई। पीजी सेमेस्टर कोर्स अधूरा है। मैंने शिक्षकों को विभागीय कार्य में लगाने पर आपत्ति दर्ज कराई है। शिक्षकों को अगर भुगतान किया जा रहा है तो उनसे पढ़वाया जाए। विवि में यह परंपरा बंद होनी चाहिए। संघटक कॉलेजों में काम नहीं होने के बाद भी 50 से अधिक शिक्षकों को विभागीय कार्य में लगाया गया है।
80 करोड़ नुकसान में है यूनिवर्सिटी, सरकार देती है 150 करोड़ की मदद
राजस्थान यूनिवर्सिटी में आय कम और खर्चे अधिक हैं। स्थिति यह है कि यूनिवर्सिटी 80 करोड़ रुपए के नुकसान में चल रही है। सरकार की ओर से 150 करोड़ रुपए की मदद भी दी जाती है। घाटा होने के बाद भी यूनिवर्सिटी फिजूल खर्च में आगे हैं। शिक्षकों को छुट्टियों में भी तीन करोड़ रुपए तक दिए जा रहे हैं।
949शिक्षकों के कुल पद हैं यूनिवर्सिटी में
442शिक्षक ही कार्यरत
507शिक्षकों के पद खाली चल रहे
300शिक्षक विभागीय कार्य करने के नाम पर रुके
01लाख रुपए तक शिक्षकों को दिए जाएंगे गर्मी की छुट्टियों में आने के
40दिन की छुट्टी में 20 दिन की दी जाएगी सीसीएल
05से 7 हजार रुपए प्रतिदिन के मिलेंगे
इन कार्यों के नाम से रुके शिक्षक
- विभाग में प्रशासनिक कार्य
- सिलेबस रिवाइज करने
- लाइब्रेरी का कार्य
- स्टोर का वेरिफिकेशन
- आरटीआई का कार्य
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