प्रिंसिपल के 41% पद खाली, व्याख्याता के 28, सैकंड ग्रेड के 32, तृतीय श्रेणी के 21 फीसदी अध्यापक नहीं
जिले के 1757 सरकारी स्कूलाें का नामांकन 2 लाख 68 हजार 721 है। इनकी शैक्षणिक व्यवस्था के लिए जिले में माध्यमिक शिक्षा में 11 हजार 534 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 7310 पदाें पर ही स्टाफ है। प्राथमिक शिक्षा में 6327 पद स्वीकृत हैं। इसमें से 5201 पद भरे हुए हैं। माध्यमिक शिक्षा में 1 लाख 74 हजार 580 विद्यार्थी हैं। प्राथमिक शिक्षा में 94175 विद्यार्थी। स्कूली शिक्षा का ढांचे में रिक्त पदों के चलते पढ़ाई काफी खराब हाे रही है। स्कूलाें काे क्रमाेन्नत हाेने के बाद 41.53 फीसदी प्रिंसपल के पद रिक्त हैं। व्याख्याताओं के पदों की स्थिति भी यही है।
करीब 28.96 फीसदी पद रिक्त हैं। सैकंड ग्रेड शिक्षकाें के 32.35 फीसदी पद रिक्त हैं। तृतीय श्रेणी शिक्षक के लेवल-2 के 21.19 व लेवल-1 के 21.19 फीसदी पद खाली हैं।सरकार ने पिछले बजट में प्रदेश के करीब 5 हजार स्कूलाें काे क्रमाेन्नत किया। इसमें से ज्यादातर काे सीधे 12वीं में क्रमाेन्नत किया। इससे पदाें का वर्गीकरण में समय लगा। नई भर्तियाें काे पेपर आउट सहित अन्य कारणाें से भर्तियां लेट हाे गईं।
फर्स्ट ग्रेड के रिजल्ट आ रहे, रीट व सैकंड ग्रेड का इंतजार
- शिक्षा विभाग में फर्स्ट ग्रेड, सैकंड ग्रेड व तृतीय श्रेणी यानी रीट हाे चुकी हैं।
- फर्स्ट ग्रेड के परिणाम आ रहे हैं। कुछ विषयाें के परिणाम आए हैं। ताे कुछ विषयाें के परिणाम कुछ तीनाें में आने वाले हैं।
- सैकंड ग्रेड के परिणाम में अभी और समय लगेगा। रीट का परिणाम अगले माह तक संभव।
- सैकंड के शिक्षकाें की डीपीसी बकाया है। 15 हजार सैकंड ग्रेड शिक्षक व्याख्याता बन सकेंगे।
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