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शनिवार, 27 मई 2023

हिन्दी माध्यम में 490 विद्यार्थी थे, अंग्रेजी में 32 रह गए



 हिन्दी माध्यम में 490 विद्यार्थी थे, अंग्रेजी में 32 रह गए

बाड़मेर । हिन्दी माध्यम सरकारी विद्यालयों को अंग्रेजी मीडियम में परिवर्तित करने का परिणाम चौंकाने वाला है। बाड़मेर जिले के सबसे बड़े व पुराने विद्यालय हाई स्कूल बाड़मेर में अब हिन्दी माध्यम का एक भी विद्यार्थी नहीं है, लेकिन दो वर्ष पहले यहां पर ग्यारहवीं व बारहवीं कक्षा में हिन्दी माध्यम के 490 विद्यार्थी थे। विद्यालय के अंग्रेजी माध्यम होते ही इन कक्षाओं में विद्यार्थियों की संख्या महज 32 रह गई है।


हाई स्कूल में हिन्दी माध्यम को समाप्त नहीं करने को लेकर विद्यार्थियों, अभिभावकों, विद्यालय विकास व प्रबंधन समिति व शिक्षकों ने बीते वर्ष खूब संघर्ष किया, लेकिन उनकी एक भी नहीं सुनी गई। अंदेशा है कि जिले भर में खुले अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों का हाल कहीं हाई स्कूल जैसा न हो जाए। इस अंदेशे से बचने के लिए शिक्षक संगठनों व अभिभावकों की ओर से सुझाव दिया जा रहा है कि एक ही विद्यालय में एक पारी में अंग्रेजी माध्यम व दूसरी पारी में हिन्दी माध्यम की सुविधा दी जाए ताकि हिन्दी माध्यम में पढऩे वाले विद्यार्थियों को पलायन नहीं करना पड़े।


बर्बाद हो गई विज्ञान की पढ़ाई

हाईस्कूल बाड़मेर में हिन्दी माध्यम में ग्यारहवीं व बारहवीं कक्षा में जिले भर के गांवों के गरीब परिवारों के बच्चे विज्ञान की पढ़ाई के लिए वर्षों से प्रवेश लेते रहे हैं। मात्र 400 रुपए वार्षिक फीस में वह साइंस पढ़ रहे थे। यहां पर पचपन कमरे व सुविधायुक्त लैब है, लेकिन हिन्दी माध्यम बंद होने से कमरे व लैब बेमानी हो गए हैं और विज्ञान पढऩे के इच्छुक गरीब बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से बर्बाद होकर रह गई है।


बीकानेर में किया तो बाड़मेर क्यों नहीं?

शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला के गृह जिले बीकानेर में सरकार ने तीन विद्यालयों को हिन्दी व अंग्रेजी माध्यम दोनों एक साथ चलाने की अनुमति दी है। ऐसे में शिक्षक संगठनों व अभिभावकों को सवाल है कि हाई स्कूल बाड़मेर व अंग्रेजी के साथ हिन्दी माध्यम चाहने वाले बाड़मेर जिले के अन्य विद्यालयों को यह अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है। हालांकि उम्मीद की जा रही है कि नए शैक्षिक सत्र में अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में हिन्दी माध्यम की अनुमति दी जाएगी।


जिले में 97 अंग्रेजी मीडियम स्कूल

जिले भर में सरकार ने 97 अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोले हैं, जिसमें से अधिकतर स्कूल हिन्दी माध्यम विद्यालयों को बंद कर खोले गए हैं। हिन्दी माध्यम को बंद कर अंग्रेजी मीडियम स्कूल को खोलने का कई जगह विरोध भी हुआ है, लेकिन अधिकतर स्थानों पर इसे अनसुना किया गया। कुछ जगह सुनवाई हुई तो हिन्दी माध्यम स्कूल यथावत रह गए। जिला मुख्यालय बाड़मेर पर राउप्रावि महावीरनगर व राउप्रावि बलदेवनगर को अंग्रेजी मीडियम किया गया था, लेकिन तीखे विरोध के बाद इन विद्यालयों को हिन्दी माध्यम ही रखा गया। महावीरनगर के स्थान पर बंद पड़े विद्यालय संख्या एक में व बलदेवनगर के स्थान पर राउप्रावि जूना किराडू मार्ग में अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोले गए। जूना किराडू मार्ग की बारहवीं तक स्कूल में मात्र 52 एडमिशन हुए हैं।


पहले से चल रहे हिंदी माध्यम को बंद कर अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने की बजाय एक पारी में हिंदी माध्यम यथावत रखकर दूसरी पारी अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने से विद्यार्थियों को फायदा होगा अन्यथा हाईस्कूल जैसा हाल होने का खतरा रहेगा। - नूतनपुरी गोस्वामी, अध्यक्ष, टीम नूतन शिक्षक संगठन

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