शिक्षा विभाग रैंकिंग में बाड़मेर पीछे, 50 फीसदी से कम अंक
बाड़मेर. शिक्षा विभाग की मासिक रैकिंग में बाड़मेर महज 42.49 अंक हासिल कर फिसड्डी जिलों में रहा है। रैकिंग सुधार को लेकर कड़े निर्देश दिए गए है। जालोर प्रदेश में सबसे कम रैंकिंग लाया है। शिक्षा विभाग की ओर से हर महीने जिलों की रैंकिंग निर्धारित की जा रही है जिसमें जिलों के कामकाज की समीक्षा हो रही है। इस महीने में जालोर 35.65 अंक लाकर सबसे अंत में है। जोधपुर को 36.89,उदयपुर 37.87, बाड़मेर 42.49 और पाली 42.83 अंक हासिल कर अंतिम पांच में है।
यों होती है रैंकिंग
स्कूल शिक्षा परिषद चार आधार पर रैंकिंग करता है। शैक्षणिक, नामांकन, सामुदायिक सहभागिता व आधारभूत सुविधाएं शामिल होती है। शैक्षणिक श्रेणी के 100, नामांकन व सामुदायिक सहभागिता के 20 और आधारभूत सुविधाओं के 10 अंक निर्धारित है। कुुल 150 अंक में से यह आंकलन हो रहा है।
ब्लाक स्तर पर नहीं हो रहा काम
बाड़मेर जिले में ब्लॉक स्तर पर काम को लेकर ध्यान नहीं देने का नतीजा है कि बार-बार बाड़मेर फिसड्डी आ रहा है। नामांकन और सामुदायिक सहभागिता दोनों में ही बाड़मेर की स्थिति ठीक नहीं है। जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को कई बार नोटिस देने क बावजूद कान पर जूं नहीं रेंग रही है।
टॉप रहे यह पांच जिले
करौली 70.71
बूंदी 70.50
चूरू 70
सीकर 66.89
प्रतापगढ़ 65.62
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