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बुधवार, 17 मई 2023

जिले में 8 स्कूलों के अपने भवन नहीं:पांच साल में 109 स्कूल सीनियर सैकंडरी में क्रमाेन्नत तो कर दिए लेकिन न बिल्डिंग बनी, न स्टाफ लगाया

 जिले में 8 स्कूलों के अपने भवन नहीं:पांच साल में 109 स्कूल सीनियर सैकंडरी में क्रमाेन्नत तो कर दिए लेकिन न बिल्डिंग बनी, न स्टाफ लगाया


जिले में जनप्रतिनिधियाें की डिजायर पर सरकार ने 5 साल में रिकॉर्ड 109 स्कूलों को उच्च माध्यमिक स्तर पर क्रमोन्नत कर दिया। लेकिन इनके लिए न तो भवनों और न ही पर्याप्त स्टाफ की व्यवस्था की गई है। कुछ उच्च माध्यमिक स्कूल, जिनमें 12वीं तक कक्षाएं हाेती हैं, तीन-चार कमराें में संचालित हो रहे हैं। काेटा जिले की बात करें तो यहां कुल 1053 सरकारी स्कूल हैं। इनमें 326 माध्यमिक शिक्षा और 727 प्रारंभिक शिक्षा विभाग के अधीन हैं।


चाैंकाने वाली बात तो यह है कि इनमें से 120 स्कूल जर्जर भवनों में चल रहे हैं। जबकि, एक दर्जन से अधिक स्कूल अपने भवन नहीं हाेने से किराए के भवनों में या नगर निगम के भवनाें में संचालित किए जा रहे हैं। कई स्कूलों के भवन तो इतने जर्जर हैं कि उनमें कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। दाेनाें सेटअप में शिक्षकाें के 1500 से अधिक पद खाली हैैं। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।


दोनों सेटअप में शिक्षकों के 1500 से अधिक पद खाली, पढ़ाई हो रही प्रभावित

1. सांगाेद के नालाैदी के स्कूल को उच्च माध्यमिक में क्रमाेन्नत कर दिया है। एक साल से 3 कमरों में चल रहा है। 234 स्टूडेंट्स है। खुले में बैठकर पढ़ना पढ़ता है। लेक्चरर एक भी नहीं है। प्रिंसिपल और सेकंड ग्रेड शिक्षक भी नहीं है।


2. किशाेरपुरा के माध्यमिक स्कूल- 2022 में उच्च माध्यमिक में क्रमाेन्नत कर दिया। 275 स्टूडेंट हैं, लेकिन भवन नहीं है। टीन शेड में पढ़ाई करते हैं। लेवल-1, उर्दू, गणित के शिक्षक नहीं है। बिना लेक्चरर के पढ़ाई प्रभावित है।


3. कुन्हाड़ी स्थित नांता महल में दाे स्कूल संचालित है। एक उच्च प्राथमिक और एक उच्च माध्यमिक है, लेकिन दाेनाें के ही भवन नहीं हैं। बिल्डिंग जर्जर है। आए दिन प्लास्टर गिरता है। हादसे का डर है। करीब 600 से अधिक स्टूडेंट्स हैं।


पिछले साल रिकाॅर्ड स्कूल क्रमाेन्नत हुए: प्रदेश की माैजूदा कांग्रेस सरकार ने रिकाॅर्ड स्कूलाें काे क्रमाेन्नत किया। काेटा में अब एक भी स्कूल माध्यमिक नहीं है। 2022 में सबसे ज्यादा 86 स्कूल क्रमाेन्नत किए। अधिकांश उच्च प्राथमिक काे भी माध्यमिक न बनाकर सीधे उच्च माध्यमिक बनाया, लेकिन संसाधन नहीं दिए। करीब 115 से अधिक स्कूलाें में पीने तक पानी नहीं है। 326 उच्च माध्यमिक स्कूलों में 108 में प्रधानाचार्य नहीं है।


सीधी बात- निर्मल मेहरा, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी


Q. इतने स्कूल कैसे खाेल दिए?

- इसके लिए पहले प्रस्ताव लिए गए थे। इसके आधार पर खाेले हैं।

Q. उच्च माध्यमिक स्कूलाें में भवन नहीं है?

- जिला स्तर मीटिंग में प्रस्ताव लिए गए है। इनकाे भेज दिया है। राशि भी लगातार अा रही है।

Q. शिक्षकाें की कमी है?

- नई भर्ती की गई है। इनकी नियुक्ति के बाद कमी दूर हाे जाएगी।


क्रमाेन्नत करने का लाभ नहीं:

स्कूलाें क्रमाेन्नत करने से कुछ नहीं हाेगा। जब तक संसाधन नहीं बढ़ेंगे, इनका काेई मतलब नहीं है। जाे स्कूल हैं उनमें क्वालिटी एजुकेशन दी जाए। पर्याप्त शिक्षकों की नियुक्ति हाे। -गंगाधर मीना, रिटायर डीईओ





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