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शुक्रवार, 19 मई 2023

Admission under RTE : 37,345 निजी स्कूलों में RTE के तहत एडमिशन के लिए मंत्री ने निकाली लॉटरी



 Admission under RTE : 37,345 निजी स्कूलों में RTE के तहत एडमिशन के लिए मंत्री ने निकाली लॉटरी

जयपुर. शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत निजी स्कूलों में जरूरतमंद बच्चों के प्रवेश की प्रक्रिया आज शुरू हुई. प्रदेश की 37,345 निजी स्कूलों की करीब दो लाख सीटों पर प्रवेश के लिए शिक्षा संकुल में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने ऑनलाइन लॉटरी निकाली. इसके बाद शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि आरटीई की लॉटरी पहले निकाली जा रही थी, लेकिन निजी स्कूलों और शिक्षा विभाग के बीच कुछ मुद्दे थे. जिनका हल निकालकर आज यह लॉटरी ऑनलाइन निकाली गई है. इससे उन बच्चों को फायदा होगा जो महंगी फीस देकर बड़े स्कूलों में नहीं पढ़ सकते हैं. उनके लिए यह बहुत बड़ा अवसर है. मनमोहन सिंह जब प्रधानमंत्री थे तब आरटीई -2009 कानून बना था. अब तक 9 लाख बच्चे राजस्थान में इसका लाभ ले चुके हैंं. इनमें से कई बच्चों ने मेडिकल और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में प्रवेश लिया है. ये योजना जरूरतमंद बच्चों और उनके परिजनों के लिए वरदान साबित होगी.


प्रवेश से मना नहीं कर सकेंगे निजी स्कूल : शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि आरटीई के तहत कोई निजी स्कूल किसी बच्चे को प्रवेश देने से मना नहीं कर सकता है. एक प्राधिकरण बनना है. जब प्राधिकरण बन जाएगा तो निजी स्कूलों और कॉलेजों का रेगुलेशन का काम होगा. यह प्राधिकरण बनने से आरटीई की सीटों पर प्रवेश को लेकर स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों के बीच गतिरोध भी कम होगा. जब तक यह प्राधिकरण नहीं बनता है. तब तक अभिभावकों की शिकायतों का शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा निस्तारण किया जाता है. इस पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल ने कहा कि यदि किसी बच्चे के आवेदन में किसी तरह की कमी रहती है तो स्कूल परिजनों को नोटिस देकर अवगत कराएगा. परंतु निजी स्कूल बच्चे को प्रवेश देने से मना नहीं कर सकेगा. इसका प्रावधान इस कानून में है.


प्रबंधन सुधारने की भी दी सीख : इस मौके पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि सरकारी स्कूलों की तुलना में निजी स्कूलों में बेहतर प्रबंधन होता है. इसलिए सरकारी स्कूलों से निजी स्कूल कई मामलों में आगे रहते हैं. हमारे पास वेल ट्रेंड स्टाफ है. जिन्हें सभी तरह की सुविधाएं मिलती हैं लेकिन फिर भी सरकारी स्कूलें निजी स्कूलों को टक्कर नहीं दे पाती हैं. उन्होंने सरकारी स्कूलों में प्रबंधन पर ध्यान देने पर जोर दिया.


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