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शुक्रवार, 12 मई 2023

अंग्रेजी माध्यम में रूपान्तरित स्कूलों के प्रति मोह भंग !



 अंग्रेजी माध्यम में रूपान्तरित स्कूलों के प्रति मोह भंग !

बांसवाड़ा. राजकीय विद्यालयों को महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय (अंग्रेजी माध्यम) में रूपान्तरित करने और शैक्षणिक सत्र 2023-24 में अंग्रेजी माध्यम में संचालित करने के आदेश के बाद चार से नौ मई तक हुई आवेदन प्रक्रिया से प्रतीत हो रहा है कि बांसवाड़ा शहरी क्षेत्र में अभिभावकों को इन स्कूलों से मोह भंग हो गया है। हालांकि शहरी क्षेत्र में बहुतायत में निजी अंग्रेजी स्कूल होना भी इसका कारण बताया जा रहा है। राज्य सरकार की ओर से राजकीय विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम में शिक्षण सुविधा उपलब्ध कराने की दृष्टि से प्रदेश में महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय आरंभ किए। जिला एवं ब्लॉक स्तर पर महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय आरंभ करने के बाद बजट घोषणा के अनुसार आगामी सत्र में अन्य विद्यालयों को भी अंग्रेजी माध्यम में आरंभ करने के लिए रूपान्तरित किया है। इसमें बांसवाड़ा शहर के चार विद्यालय सम्मिलित हैँ। इन नए विद्यालयों में नौ मई तक प्रवेश प्रक्रिया के बाद विभागीय आदेश अनुसार 12 मई को लॉटरी निकाली जानी थी, किंतु इनमें रिक्त सीटों के मुकाबले इतने कम आवेदन आए हैं कि लॉटरी निकालने की नौबत नहीं आ रही है।


यह सामने आई स्थिति

महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय कुशलबाग में कक्षा पहली से पांचवीं तक में 30-30 रिक्त सीटें हैं। संस्थाप्रधान भूपेश कुमार वर्मा के अनुसार रिक्त सीटों के मुकाबले पहली में दस, चौथी में छह तथा दूसरी, तीसरी और पांचवीं में मात्र तीन-तीन ही आवेदन आए हैं। पांच कक्षाओं में कुल 25 आवेदन ही आए हैं। जबकि यहां पूर्व में नामांकित और अंग्रेजी माध्यम में अध्ययन को सहमति देने वाले विद्यार्थियों की संख्या भी दूसरी में 10, तीसरी में 12, चौथी में 4 और पांचवीं में 15 है। कुल 150 रिक्त सीटों के मुकाबले पूर्व नामांकित और नए आवेदन के बाद भी यहां अंग्रेजी माध्यम में शिक्षण के लिए 66 तक ही आंकड़ा पहुंचा है और 84 सीटें रिक्त हैं।


यहां भी ऐसे ही हाल

महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय नबीपुरा में मात्र 14 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसमें पहली में छह, पांचवीं में चार, तीसरी में दो तथा दूसरी और चौथी कक्षा के लिए मात्र एक-एक आवेदन प्राप्त हुआ है। एमजीजीएस पृथ्वीगंज-इंदिरा कॉलोनी में रिक्त 150 सीटों के मुकाबले 43 आवेदन आए हैं। इसमें पहली में 11, दूसरी में आठ, तीसरी में नौ, चौथी में 10 और पांचवीं में पांच आवेदन तथा एमजीजीएस हाउसिंग बोर्ड में कुल 32 आवेदन आए हैँ। इसमें पहली में 18, दूसरी में पांच तथा तीसरी से पांचवीं तक में तीन-तीन आवेदन मिले हैं।


यह प्रमुख कारण

शहरी क्षेत्र में पूर्व प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्तर तक कई विद्यालय हैं, जहां प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी के लिए विभिन्न प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं। अधिकांश अभिभावक सुविधा संपन्न विद्यालयों में प्रवेश दिलाने को प्राथमिकता देते हैं। अंग्रेजी माध्यम के राजकीय विद्यालयों में अध्ययन कराने प्रवेश दिलाने के लिए विभागीय स्तर पर भी विशेष प्रयास नहीं हो रहे हैँ। शहर के हाउसिंग बोर्ड में जिस विद्यालय को प्राथमिक स्तर के अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में रूपान्तरित किया है, वहां मात्र दो कक्ष हैं। इसमें भी एक में पोषाहार रखना और तैयार करना होता है। ऐसे में कक्षाकक्ष की पर्याप्त उपलब्धता ही नहीं है। कुशलबाग व पृथ्वीगंज के अतिरिक्त अन्य जगह भवन, रंगरोगन आदि की भी सुविधा नहीं है। ऐसे में अभिभावक एक बार आने के बाद दोबारा रुख नहीं कर रहे हैं।


इनका कहना है...

एमजी स्कूलों में विभागीय नियमानुसार प्रवेश प्रक्रिया की है। अधिकाधिक नामांकन के प्रयास किए, किंतु सीटों के मुकाबले आवेदन कम आए हैं। पहली बार अंग्रेजी माध्यम में शिक्षण होगा। उम्मीद हैं कि आने वाले सत्र में इन विद्यालयों में बच्चों को प्रवेश दिलाने के प्रति अभिभावकों का रुझान बढ़े। नीतिन त्रिवेदी, एसीबीईईओ, ब्लॉक बांसवाड़ा।

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