सिलाई राशि का भुगतान बना परेशानी का सबब
बांसवाड़ा. राजस्थान सरकार की ओर से शैक्षणिक सत्र 2022-23 में नि:शुल्क यूनिफॉर्म योजना प्रारम्भ करने के बाद सिलाई राशि का भुगतान डीबीटी के माध्यम से करने का निर्णय किया गया था, किंतु यह निर्णय कार्मिकों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। जनाधार प्रमाणीकरण के अभाव में करीब 15 से 20 प्रतिशत विद्यार्थियों को भुगतान नहीं हो पाया है। योजना के तहत डीबीटी के माध्यम से भुगतान प्रक्रिया के लिए विद्यार्थियों के आधार, जनाधार एवं बैंक खातों का प्रमाणीकरण अनिवार्य है। इसके तहत शिक्षकों के प्रयासों से लगभग 80 प्रतिशत विद्यार्थियों का जनाधार प्रमाणीकरण एवं डीबीटी भुगतान भी हो चुका है।
तमाम प्रयासों के उपरांत भी भौगोलिक एवं क्षेत्रीय परिस्थितिजन्य समस्याओं के कारण करीब 20 प्रतिशत विद्यार्थियों का जनाधार प्रमाणीकरण नहीं हो पाया है। इससे भुगतान भी नहीं हो पाया है। इसे लेकर राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीलालसिंह चौहान ने कहा कि जनाधार प्रमाणीकरण से वंचित विद्यार्थियों की सिलाई राशि डीबीटी के स्थान पर पीईईओ के माध्यम से अभिभावकों के स्वप्रमाणित बैंक खातों में अथवा पीईईओ के माध्यम से संबंधित एसएमसी खातों में राशि हस्तांतरित कर अभिभावकों के खातों में भुगतान करवाना चाहिए। इसके उलट सरकार शिक्षकों को लक्ष्य पूरा नहीं होने पर कार्रवाई का डंडा चला रही है, जो अनुचित एवं अव्यावहारिक है। उन्होंने सरकार का हठधर्मिता पूर्ण रवैया कायम रहने पर राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी।
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