एक साल पहले कई अफसर ट्रांसफर व रिटायर्ड, लेकिन वेबसाइट पर आज भी सीडीईओ, शिक्षक भ्रमित, सीएम तक पहुंची शिकायत
स्कूली शिक्षा का सबसे बड़ा महकमा समग्र शिक्षा अभियान पिछले डेढ़ साल से शिक्षकों और विभाग सहित अन्य को भी गलत जानकारी दे रहा है। जो अधिकारी एक साल पहले ही रिटायर हो गए हैं, उन्हें यह अधिकारी बता रहा है। जिनकी पोस्टिंग कहीं और हो चुकी है, उन्हें भी यहां सीडीओ बताया जा रहा है। दरअसल, शिक्षा विभाग में सीडीईओ से लेकर अन्य अधिकारियों के करीब एक साल पहले तबादले हुए थे। इसके बाद नियमानुसार विभागीय वेबसाइट को अपडेट करना था, लेकिन विभाग भूल गया। शिक्षक खुद ही इस जानकारी से भ्रमित हो रहे हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि जिस शिक्षा विभाग पर छात्रों को शिक्षित कर आधुनिक युग में अपडेट रखने की जिम्मेदारी है, वह खुद ही अपडेट नहीं है। ऐसे में छात्र कैसे अपडेट होगा।
उदयपुर : गौड़ के बाद दो सीडीईओ बदले, पर नाम आज भी उनका ही
समग्र शिक्षा अभियान की वेबसाइट पर अब भी शिवजी गौड़ को उदयपुर का मीडीईओ बताया रखा है, जबकि गौड़ वर्तमान में आरएससीईआरटी में उपनिदेशक की पोस्ट पर कार्यरत हैं। गौड़ के बाद महेंद्र त्रिवेदी सीडीईओ उदयपुर बने थे। वे रिटायर भी हो चुके हैं। वर्तमान में आशा मंडावत सीडीईओ हैं। लेकिन नाम आज भी गौड़ का ही चल रहा है।
बांसवाड़ा पलात साल पहले रिटायर्ड, वेबसाइट पर सीडीईओ
वेबसाइट पर बांसवाड़ा सीडीईओ एंजेलिका पलात को दिखा रहा है, जबकि पलात करीब एक साल पहले ही रिटायर हो चुकी हैं। रिटायरमेंट से पहले वह उदयपुर में संयुक्त निदेशक के पद पर भी रह चुकी थीं। वे बांसवाड़ा में तीन साल पहले सीडीईओ जरूर रही थीं। वर्तमान में शंभूलाल नायक सीडीईओ हैं। इनसे पहले दिनेश पंड्या सीडीईओ थे।
डूंगरपुर यहां भी रिटायर हो चुके छगण को सीडीईओ बता रहे
डूंगरपुर जिले में भी एक साल पहले रिटायर हो चुके मणिलाल गण को वेबसाइट पर सीडीओ बता रखा है। गण के बाद यहां राजेश कटारा सीडीईओ बने थे और ये आज भी इसी पद पर कार्यरत हैं। इनसे पहले यहां इंदिरा लड्डा भी सीडीईओ रह चुकी हैं, लेकिन उनका वेबसाइट पर कहीं कोई जिक्र नहीं है। यानी तीन अफसर बदल लेकिन नाम नहीं बदला गया।
जरूरी इसलिए शिक्षक वेबसाइट से ही लेते हैं हर जानकारी
शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेश मीडिया संयोजक आशीष त्रिवेदी ने बताया कि यह विभाग की बड़ी लापरवाही है। कई बार शिक्षकों के छोटे- बड़े कामों के लिए अन्य जिलों के दफ्तरों में संपर्क करना होता है। ऐसे में विभागीय वेबसाइट से ही मोबाइल नंबर तलाशे जाते हैं। लेकिन वेबसाइट पर ही गलत जानकारी मिले तो कहां संपर्क करें। मुख्यमंत्री और निदेशक को पत्र लिखकर वेबसाइट अपडेट कराने की मांग की है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें