देश में डिजिटल क्रांति, यहां छप्पर में बैठकर पढ़ते हैं बच्चे
वेडिया (जालोर) . देश में डिजिटल क्रांति की बातें कही जा रही हैं। बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है। स्कूलों में डिजिटल बोर्ड, प्रोजेक्टर समेत कम्प्यूटर आधारित शिक्षण और ऑनलाइन शिक्षण के लिए महंगे उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं, लेकिन इसके विपरीत कुछ सरकारी स्कूल आज भी पुराने ढर्रे पर चल रहे हैं। ये तस्वीरें जालोर जिले के नेहड़ क्षेत्र के सरकारी स्कूलों की हैं। वेडिया के निकट आकोड़िया और सांकरिया गांव के राजकीय प्राथमिक स्कूल छप्पर में संचालित हो रहे हैं। यहां बच्चों के लिए कक्षाकक्ष नहीं हैं। सर्दी, गर्मी व बारिश में बच्चे इन्हीं छप्पर के नीचे बैठकर पढ़ते हैं।
भूमि उपलब्ध, भवन नहीं बन सके
इन विद्यालयों के लिए दानदाताओं की ओर से भूमि उपलब्ध करवाई गई है, लेकिन अभी तक कक्षा कक्षों का निर्माण नहीं कराया गया है। ऐसे हालात में यहां न तो बच्चों के बैठने के लिए भवन हैं और ना ही छाया की पर्याप्त व्यवस्था। भीषण गर्मी व उमस में छप्पर के नीचे बैठे बच्चों की हालत खराब हो जाती है।
स्कूलों के भूमि संबंधी दस्तावेज उच्चाधिकारियों को भेजे हुए हैं। उन्हें भवन निर्माण को लेकर अवगत करवा दिया है। लखावांगा, वरहा की ढाणी, कोलियों की ढाणी, संस्कृत विद्यालय रताकोली की ढाणी के भवन निर्माण को लेकर विभागीय स्तर पर कार्यवाही चल रही है।-मंगलाराम खोखर, एसीबीईईओ चितलवाना
यहां 29 बच्चों का नामांकन है। छप्पर में बच्चों को पढ़ा रहा हूं। विद्यालय को दस साल से भवन का इंतजार है। ग्रामीणों के सहयोग से स्कूल चला रहे हैं।- श्यामसुंदर, अध्यापक, वरहा की ढाणी सांकरिया
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