शिक्षकों के जज्बे व भामाशाहों के सहयोग से बदली विद्यालय की सूरत
श्रीबिजयनगर.परिस्थितियां चाहे जो भी हो अगर कुछ करने का जज़्बा हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। क़रीब पांच वर्ष पूर्व जिस सरकारी विद्यालय में नाम मात्र की सुविधाएं थी।भामाशाह के सहयोग और शिक्षकों के परिश्रम की बदौलत वहीं विद्यालय आज कॉन्वेंट स्कूल सा दिखाई दे रहा है जो की तहसील क्षेत्र में मिसाल बना हुआ है। श्रीबिजयनगर ब्लॉक के गांव 33 जीबी के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में भौतिक संसाधनों की उपलब्धता और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के कारण विद्यार्थियों का नामांकन निरंतर बढ़ रहा है। पांच वर्ष पूर्व विद्यालय परिसर में नाममात्र की सुविधाएं थीं। अध्ययनरत विद्यार्थी दरी पट्टी पर बैठते थे, पर्याप्त कक्षा कक्षों के अभाव में कई बार खुले में भी कक्षाएं लगानी पड़ती थी। पूरा परिसर अस्त व्यस्त था, जिस कारण विद्यार्थी अन्य विद्यालयों की ओर आकर्षित हो रहे थे।
ऐसे बदली विद्यालय की सूरत
प्रधानाध्यापक सुमन स्वामी ने बताया कि स्थानीय ग्रामीणों, भामाशाहों का विद्यालय में संसाधन सुविधाएं जुटाने में भरपूर योगदान रहा। विद्यालय के शिक्षक राजकुमार सोनी ने इस कार्य के लिए अथक प्रयास किये। अध्यापक राजकुमार सोनी की प्रेरणा से भामाशाहों द्वारा विद्यालय ने सभी कक्षाओं में फर्नीचर, दो वॉटर कूलर, अलमारियां आदि प्रदान किए। विद्यालय स्टाफ की शिक्षक विपना, सरोज, खुशकिरण कौर व रेखा जांगिड़ के प्रयासों से विद्यालय में साउंड सिस्टम, कूलर, एलईडी टीवी, लेक्चर स्टैंड, कंप्यूटर इन्वर्टर आदि जुटाए गए।
स्थानीय ग्राम पंचायत और राज्य सरकार के सहयोग से स्कूल में तीन लाख की लागत से सामुदायिक शौचालय, 22 लाख की लागत से तीन कक्षा कक्षों का निर्माण, इंटरलॉकिंग सड़क, प्रार्थना स्थल मय स्टेज व शैड बनवाया गया है। यह तहसील क्षेत्र का ऐसा उच्च प्राथमिक विद्यालय है जिसमें सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। गत चार वर्षों में विद्यालय परिसर में 35 लाख रुपये के कार्य करवाये गये हैं। विद्यालय स्टाफ, शाला विकास समिति के प्रयासों से पूरे स्कूल परिसर में पौधारोपण हुआ जिससे पूरा परिसर आज मनभावन दिखाई देता है।
निरंतर बढ़ रहा नामांकन
इस राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक सहित शिक्षकों के कुल 10 पद सृजित है जिनमें से चार पद रिक्त है। वर्ष 2018 में इस विद्यालय में मात्र 80 विद्यार्थी अध्ययनरत थे, आज सभी संसाधनों की उपलब्धता एवं विद्यार्थियों के प्रति शिक्षकों के समर्पण के कारण यह संख्या बढ़कर 175 हो गई है। विद्यालय की लगातार बढ़ रहे नामांकन को लेकर विद्यालय में उत्साह का माहौल है।
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