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सोमवार, 19 जून 2023

10वीं में फेल हो गए स्कूल के टॉपर:टीचर्स ने जिसे अर्द्धवार्षिक परीक्षा में 100% नंबर दिए, उसे मेन एग्जाम में जीरो मिले



 10वीं में फेल हो गए स्कूल के टॉपर:टीचर्स ने जिसे अर्द्धवार्षिक परीक्षा में 100% नंबर दिए, उसे मेन एग्जाम में जीरो मिले

भीलवाड़ा। राजस्थान के स्कूलों में अर्द्धवार्षिक परीक्षा तक जिन बच्चों को 92 से 100% तक अंक मिले, वे 10वीं बोर्ड की मुख्य परीक्षा में 14 से 21% पर ही अटक गए। स्कूल में गणित-विज्ञान में 20 में से 20 और मेन एग्जाम में 0 और 1 नंबर...यह किसी एक बच्चे का नहीं, बल्कि 8 जिलों के 22,737 फेल-पूरक बच्चों की मार्कशीट के एनालिसिस से सामने आई रिपोर्ट का सच है। इन बच्चों को सत्रांक में सभी 6 विषयों में 18 से 20 नंबर दिए गए। यानी बच्चे ने पहले तीनों स्कूल टेस्ट, फिर अर्द्धवार्षिक टाॅप की है। आठ जिलों में फर्जी नंबरों का एक जैसा पैटर्न सामने आया है।


शिक्षक अपना रिजल्ट सुधारने के लिए अंकाें का फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। अगर उनके विषय का परिणाम 60% से कम रहता है ताे विभागीय कार्रवाई हाेती है, इससे बचने के लिए शिक्षक हर फिसड्डी बच्चे काे नंबर बांट रहे हैं। स्थिति यह है कि जिस बच्चे को शिक्षकों ने 120 में से 120 नंबर दिए। मेन एग्जाम में वह 480 में से सिर्फ 8 नंबर ला सका।


8 जिलों के 22,737 फेल-पूरक बच्चों की मार्कशीट का एनालिसिस


स्कूल में 120 में से 115, बोर्ड में 480 में से 9 अंक

अजमेर के तिलोनिया स्कूल के एक विद्यार्थी के स्कूल ने सत्रांक में 115 नंबर भेजे। बोर्ड में विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, संस्कृत में 0-0 नंबर, गणित में एक व अंग्रेजी में 3 अंक। यानी 480 में से 9 नंबर आए।


बांसवाड़ा: सत्रांक में 20 में से 20, बोर्ड में 0

बांसवाड़ा के मोती टिम्बी के एक विद्यार्थी के स्कूल ने सत्रांक में 120 में से 120 नंबर दिए। बोर्ड के मैन एग्जाम में हिंदी-अंग्रेजी में 0-0, सा.विज्ञान व गणित में 1-1 नंबर मिले, यानी कुल 480 में से 8 नंबर।


राजसमंद: बोर्ड में 59 में से 49 बच्चे फेल

राजसमंद के जैतपुरा स्कूल में 59 में से 49 बच्चे फेल हो गए, लेकिन इन सभी बच्चों को 120 के सत्रांक में 115 से 120 नंबर मिले, वही बोर्ड की मुख्य परीक्षा में 4 से पांच विषयों में फेल हो गए।


प्रतापगढ़ के 1193 बच्चे फेल हुए, इन सभी बच्चों को स्कूलों ने सभी विषयों में 20 में से 18 से 20 नंबर दिए।


कार्रवाई का डर करवा रहा शिक्षकों से फर्जीवाड़ा...

संस्था प्रधान के लिए... रिजल्ट 50% से कम रहने पर सीसीए नियम 17 के तहत कार्रवाई होती है अौर 90 प्रतिशत से ज्यादा रिजल्ट तो निदेशालय की अोर से प्रमाण पत्र मिलता है।

शिक्षक के लिए... विषय का परिणाम 60 प्रतिशत से कम या 40 फीसदी विद्यार्थियों को डी ग्रेड मिलने पर शिक्षक के विरुद्ध सीसीए नियम 17 के तहत कार्रवाई की जाती है।


शिक्षा निदेशक बोले- कमेटी बनाकर जांच करवाई जाएगी

Q. सत्रांक में टॉपर बच्चे बोर्ड परीक्षा में फेल?

कानाराम, माध्यमिक शिक्षा निदेशक : वार्षिक परीक्षा में फेल तो कमजोर पढ़ाई के कारण ही हुए होंगे।

Q. करीब हर स्कूल में सत्रांक में बच्चों को 20 में से 17 से 20 नंबर तक दिए हैं‌?

- एक ही पैटर्न है तो निदेशालय स्तर पर कमेटी बनाकर इसकी जांच करवाएंगे। आरोप सही हुए तो दोषियों पर कार्रवाई करेंगे।

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