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रविवार, 18 जून 2023

शिक्षा विभाग ने 2 साल में 1241 मिडिल स्कूलों को सीधे सीनियर सैकंडरी में किया क्रमोन्नत



 शिक्षा विभाग ने 2 साल में 1241 मिडिल स्कूलों को सीधे सीनियर सैकंडरी में किया क्रमोन्नत

सैकंडरी हैडमास्टरों के पद समाप्ति के साथ ही शिक्षा विभाग में मिडिल से सैकंडरी में दो साल से क्रमोन्नत करना बंद कर दिया, लेकिन पिछले दो साल में मिडिल से सीधे सीनियर सैकंडरी में 1241 स्कूलें क्रमोन्नत कर दी गई हैं। खास बात यह है कि सत्र 2022-23 में 1152 स्कूलों को क्रमोन्नत किया गया, जबकि सत्र 2023-24 में महज 89 स्कूल ही अब तक क्रमोन्नत हो सकी हैं।शिक्षा विभाग ने पिछले पांच साल में मिडिल से सैकंडरी, सैकंडरी से सीनियर सैकंडरी और मिडिल से सीनियर सैकंडरी में 6 हजार 811 स्कूलों को क्रमोन्नत किया प्रदेश में अब इन सरकारी सीनियर सैकंडरी स्कूलों की संख्या बढ़कर 18 हजार 312 हो गई हैं, जबकि जिले में 800 से अधिक हो गई हैं। वर्तमान में इन स्कूलों में 58.27 लाख विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं।


दरअसल, राज्य सरकार प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक सरकारी सीनियर सैकंडरी खोलना चाहती है। इसी के तहत पिछले दो साल में 1241 मिडिल स्कूलों को उच्च माध्यमिक स्कूलों में क्रमोन्नत किया गया। इससे पहले सत्र 2023-24 को छोड़ दें तो सत्र 2019-20 से 2022-23 तक 4443 माध्यमिक स्कूलों को उमावि में तब्दील किया गया। इधर, आरपीएससी द्वारा सैकंडरी स्कूल एचएम पद की भर्ती बंद करने के बाद से गत दो वर्षों में एक भी मिडिल स्कूल को सैकंडरी नहीं बनाया गया। 


इससे पूर्व सत्र 2019-20 से सत्र 2021-22 तक 1127 मिडिल स्कूलों को सैकंडरी स्कूल में क्रमोन्नत किया गया। बाद में सरकार ने इसे भी सीनियर सैकंडरी स्कूल में परिवर्तित कर दिया। निदेशालय माध्यमिक शिक्षा विभाग बीकानेर द्वारा जारी इन सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब शिक्षा विभाग मिडिल स्कूलों को टारगेट में रखते हुए हर ग्राम पंचायत स्तर पर पहुंच रहा है, ताकि इसका फायदा बच्चों को मिल सके। सीडीईओ डॉ. भल्लूराम खीचड़ के अनुसार स्कूलों के क्रमोन्नत होने से बच्चों को एजुकेशन के लिए दूर नहीं जाना पड़ रहा है। साथ ही बच्चों को स्कूलों में एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं भी मिल जाती हैं।

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