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सोमवार, 19 जून 2023

प्रदेश के 3.50 लाख छात्राओं को नहीं मिली साइकिल, चार सत्र से 83 हजार होनहारों को लैपटॉप का इंतजार



 प्रदेश के 3.50 लाख छात्राओं को नहीं मिली साइकिल, चार सत्र से 83 हजार होनहारों को लैपटॉप का इंतजार

सीकर. शिक्षा विभाग की घोषणाएं कागजों में दम तोड़ रही है। इसका खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। कोरोना महामारी के बाद से शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी वर्गों के आठवीं, 10वीं और 12वीं के मेधावी विद्यार्थियों को पिछले चार सत्रों से लैपटॉप नहीं दिए हैं। सरकार ने सत्र 2018 में 27900 छात्राओं को लैपटॉप दिए थे। फिलहाल तीन सत्र में करीब 83000 विद्यार्थियों को लैपटॉप नहीं दिए गए हैं। वहीं पिछले सत्र में राज्य सरकार ने प्रदेश की 9वीं कक्षा की 3.50 लाख छात्राओं को साईकिल वितरित नहीं की है। यह छात्राएं अब 9वीं कक्षा पास कर 10वीं में आ गई हैं। दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाली छात्राओं को कई किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल आना पड़ रहा है लेकिन सरकार ने साईकिलें वितरित नहीं की है। 


जबकि गत वर्ष शिक्षा विभाग के शासन उप सचिव प्रथम ने कक्षा 6 से 8वीं तक की ईडब्ल्यूएस कैटेगरी की 5800 छात्राओं को भी साईकिलें देने के आदेश जारी किए थे। इन्हें भी साईकिल वितरण नहीं किया गया है। सत्र 2021-22 में प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 9वीं कक्षा का नामांकन 746513 था जिसमें से करीब 3.50 लाख छात्राएं हैं। बहुत सी छात्राएं पांच से 10 किमी की दूरी से स्कूल आती हैं। सरकार की ओर से हर वर्ष सितंबर या अक्टूबर महीने में ही साईकिलें दे दी जाती हैं।


राधाकृष्ण मारू राबाउमावि सीकर की छात्रा सिमरन बानो करीब 6 किमी दूर जगमालपुरा गांव से आती हैं। साईकिल नहीं मिलने से बच्ची टेक्सी में आना पड़ेगा। बेटियों की ओर से कई बार शिक्षा विभाग के अधिकारियों से भी साइकिल मिलने के बारे में पूछ चुकी है। छात्रा प्रिया नायक व सोनिया कुमारी झुंझ़नूं बाइपास से करीब पांच किमी की दूरी से आती हैं। उन्हें भी गत सत्र में ही साईकिल मिलनी थी, लेकिन अभी तक नहीं मिली है। जिसके कारण हर दिन उन्हें स्कूल आने-जाने में करीब डेढ़ घंटे का समय लगेगा।


कब तक इंतजार: ना लैपटॉप मिला ना टैबलेट

राउमावि डूडवा के छात्र रौनक जांगिड़ ने सत्र 2021-22 में आर्ट्स संकाय में 95.20 प्रतिशत अंक अर्जित किए थे। यह छात्र अभी राजस्थान विवि, जयपुर से ग्रेजुएशन की पढ़ाई में जुटा है। यदि लेपटॉप या टैबलेट मिलता तो उन्हें पढ़ाई में फायदा मिलता। छात्रा निकिता शर्मा ने 2019-20 में 12वीं आर्ट्स संकाय में 95.80 प्रतिशत अंक अर्जित किए थे। निकिता महारानी कॉलेज से बीए कर रही हैं। दोनों होनहारों को अभी तक लैपटॉप नहीं मिला है।


इन होनहारों को मिलना था लेपटॉप

राज्य सरकार 8वीं, 10वीं व 12वीं बोर्ड की 75 प्रतिशत या इससे अधिक अंक अर्जित करने वाले प्रतिभावान विद्यार्थियों को लैपटॉप देती है। गत सत्र मे सरकार ने लैपटॉप की जगह टेबलेट देने का निर्णय किया था। लेकिन अभी तक टेबलेट भी नहीं दिया गया है। पिछले चार सत्र पहले जिन छात्र-छात्राओं ने 12वीं पास की थी उनमें से 22 हजार से अधिक स्टूडेंट्स की तो ग्रेजुएशन भी हो गई है। ऐसे में उन्हें पढ़ाई में भी लैपटॉप का फायदा नहीं मिल पाया है।


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