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सोमवार, 26 जून 2023

स्कूलों में टीचिंग स्तर व बोर्ड रिजल्ट सुधारने के लिए साढ़े 5 हजार शिक्षकों को ट्रेनिंग देगा डाइट, जुलाई से शुरुआत

 

स्कूलों में टीचिंग स्तर व बोर्ड रिजल्ट सुधारने के लिए साढ़े 5 हजार शिक्षकों को ट्रेनिंग देगा डाइट, जुलाई से शुरुआत

नई शिक्षा नीति के तहत अब स्कूलों में पढ़ाई का तरीका भी बदलेगा। इससे विद्यार्थियों में पढ़ाई का स्तर बढ़ाने और सीखने का स्तर विकसित होगा। स्कूलों में समझ आधारित पढ़ाई कराई जाएगी, ताकि स्टूडेंट्स विषयवस्तु क्लियर हो सके। केवल रिजल्ट सुधार नहीं, बल्कि क्वालिटी पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए टीचर का नई शिक्षा नीति के अनुरूप ट्रेंड होना जरूरी है। जिला शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) पूरे सत्र में जिले के 5292 शिक्षकों को ट्रेनिंग देगा, इसके लिए डाइट ने शेड्यूल तैयार कर लिया है। डाइट प्राचार्य गोविंदसिंह राठौड़ का कहना है कि अब रटने-रटाने का दौर निकल चुका है, इसके रिजल्ट भी अच्छे नहीं है। इसलिए अब नई शिक्षा नीति के तहत स्कूल की प्रतिभा को पहचान कर उसे समझ आधारित शिक्षा नीति से पढ़ाएंगे


सालभर में 47 ट्रेनिंग सत्र व 67 वर्कशॉप, गणित-विज्ञान जैसे विषय रोचक तरीके से पढ़ाएंगे 

पूरे सत्र में ग्रेड थर्ड शिक्षक से लेकर प्रधानाचार्य तक को डाइट की ओर से ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए डाइट ने वार्षिक पंचांग जारी कर दिया है। डाइट 2023-24 में 31 बैठकें, 47 शिक्षकों के प्रशिक्षण, 67 कार्यशाला आयोजित करेगा। इस अलावा टीचिंग के नवाचार के प्रकाशन भी होंगे। बैठकों में सीडीईओ, दोनों डीईओ, समसा एडीपीसी व डाइट प्राचार्य सहित अन्य शामिल होंगे, जो शोध एवं प्रशिक्षणों के नवाचार पर चर्चा कर फाइनल करेंगे। डाइट में होने वाली कार्यशालाओं में टीचिंग सामग्री निर्माण, रिसर्च से संबंधित आकलन व टूल निर्माण, मातृभाषा में भावी शिक्षण के लिए शब्दकोश निर्माण, विभिन्न शैक्षिक नवाचार सामग्री, मॉडल निर्माण आदि काम होंगे। शिक्षकों की ट्रेनिंग में एफएलएन आधारित प्रशिक्षण क्लास में शिक्षण को प्रभावी एवं रोचक बनाने के लिए सब्जेक्ट टीचिंग, एनईपी 2020 से संबंधित प्रशिक्षण, स्कूलों के विकास के लिए बनाई गई एसएमसी एवं एसडीएमसी के कर्तव्यों व अधिकार से संबंधित ट्रेनिंग एवं नो बैग डे को प्रभावी बनाने आदि सब्जेक्ट पर प्रशिक्षण होंगे


स्कूली शिक्षा में ये बदलाव

• पहली से 12वीं कक्षा तक के स्टूडेंट्स का हर माह मूल्यांकन टेस्ट भी लिया जाएगा। टेस्ट की रिपोर्ट के आधार पर विद्यार्थियों को तीन श्रेणी में विभाजित कर उपचारात्मक शिक्षण करवाएगे।

• 3 से 8 साल के बच्चों को पढ़ाने के लिए खेल आधारित शिक्षा पर फोकस किया जाएगा ताकि बच्चों की रुचि स्कूल में बनी रहे। 6वीं से 8वीं तक के पाठ्यक्रम में कॉन्सेप्ट मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा।

• एनसीएफ में शिक्षा को रचनात्मक बनाने पर जोर देने की सिफारिश की गई है। बच्चों को शुरुआती कक्षाओं से ही गणित, विज्ञान जैसे विषय रोचक तरीके से पढ़ाए जाएंगे।

• गणित में भी प्रैक्टिकल और प्रोजेक्ट वर्क को अहमियत दी जाएगी। लिखित परीक्षा के अंक के साथ प्रैक्टिकल परीक्षा के अंकों को जोड़कर परिणाम बनाया जाएगा। इसका अनुपात 80-20 का रहेगा।


समझ आधारित ट्रेनिंग के बाद फीडबैक से जांचेंगे: प्राचार्य

डाइट प्राचार्य गोविंदसिंह राठौड़ ने बताया कि शिक्षकों को पूरे साल में नई शिक्षा नीति के तहत ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग में पढ़ाने के नए तरीके, रोचक बनाने के तरीके, समझ विकसित करने के नवाचार एवं सहायक सामग्री आदि के बारे में टीचरों को बताएंगे। ट्रेनिंग के बाद स्कूलों में जाकर डाइट के कार्मिक फीडबैक भी लेंगे। कमियों को बैठक में चर्चा कर दूर किया जाएगा। नई शिक्षा नीति के तहत छठी क्लास से वोकेशनल कोर्स शुरू किए जाएंगे। इसके लिए इच्छुक छात्रों को छठी क्लास के बाद से ही इंटर्नशिप करवाई जाएगी। म्यूजिक और आर्ट्स को बढ़ावा दिया जाएगा।

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