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शनिवार, 24 जून 2023

आईटीआई पासआउट की सबसे ज्यादा डिमांड भर्ती से 60 अंक का प्रैक्टिकल हटाया अब इसके बिना ही प्रदेश में भर्ती होंगे 700 शिक्षक



 आईटीआई पासआउट की सबसे ज्यादा डिमांड भर्ती से 60 अंक का प्रैक्टिकल हटाया अब इसके बिना ही प्रदेश में भर्ती होंगे 700 शिक्षक


किसी भी सेक्टर में आईटीआई पासआउट की सबसे ज्यादा डिमांड है। कारण...आईटीआई में सबसे ज्यादा फोकस प्रैक्टिकल पर होता है। प्रैक्टिकल के 60 अंक होते हैं। आईटीआई में अनुदेशकों की भर्ती राजस्थान अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड करता है। आयोग ने भर्ती प्रक्रिया से प्रैक्टिकल को हटा दिया है। जल्द ही 700+ अनुदेशकों की भर्ती होनी है। ऐसे में स्टूडेंट्स को पढ़ाने वाले बिना प्रैक्टिकल आएंगे। पहले प्रैक्टिकल के 60 अंक, थ्योरी के 30 अंक और 10 अंक इंटरव्यू के थे। अब पूरा पेपर ही थ्योरी का होगा।


एक्सपर्ट का कहना है कि बिना प्रैक्टिकल के पढ़ाने वालों का असर आईटीआई स्टूडेंट्स के लेवल पर भी दिखेगा। हालांकि अफसर कहने से कतरा रहे हैं, क्योंकि यह निर्णय सरकार के स्तर से हुआ है। इतना ही नहीं, वर्ल्ड बैंक से आईटीआई अपग्रेडेशन के लिए करोड़ों रुपए भी मिले, जो कि खर्च ही नहीं किए गए। अब इनके लैप्स होने का खतरा है।




अब ड्रोन और सोलर टेक्नीशियन भी तैयार करेगा आईटीआई

शास्त्रीनगर स्थित आईटीआई ने आवंटित 88 लाख राशि में से 59.34 लाख खर्चे हैं। 60 लाख से 70 कंप्यूटर लिए। दो लैब तैयार की। प्रोजेक्टर एवं मशीनरी पर राशि खर्च की। शेष राशि के प्लान बन चुके हैं। कुल 2 करोड़ से शेष 131 लाख से क्या-क्या करने हैं, इसकी भी रिपोर्ट मुख्यालय भेजी है। इसमें 70 लाख के मशीनरी, टूल्स, इक्यूपमेंट फॉर ट्रेड, शॉर्ट टर्म कोर्स पर खर्चेंगे। 10 लाख सिविल वर्क, 35 लाख बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर और 15 लाख रॉ मेटेरियल सीटीएस ट्रेड पर खर्च होंगे। इस आईटीआई में ड्रोन और सोलर टेक्नीशियन के दो नए ट्रेड स्थापित किए जाएंगे।


वर्ल्ड बैंक से करोड़ों मिले, खर्च करने में जयपुर और पाली सबसे पीछे

वर्ल्ड बैंक ने प्रदेश की दो दर्जन से अधिक आईटीआई के अपग्रेडेशन के लिए फंड आवंटित किया था। प्रदेश की 29 आईटीआई चयनित की गई। तत्पश्चात 14 आईटीआई के लिए 2379 करोड़ रु. आवंटित हुए, प्रत्येक को करीब 150 करोड़। इसे आईटीआई के अपग्रेेडेशन, बिल्डिंग, लैब, मशीनरी आदि में यूज करना था। विडंबना यह है कि कौशल नियोजन विभाग इस राशि को ना पूरी तरह से आईटीआई को दे पाया है और ना ही राशि खर्च करवा पा रहा है। आईटीआई में काम की गति इतनी धीमी है कि कुल राशि की आधी भी खर्च नहीं कर पाए।


भर्ती की योग्यता कौशल विभाग तय करता है

आईटीआई अनुदेशक की भर्ती राजस्थान अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड करवा रहा है, वो ही नियम तय कर रहा है। हम उसे नहीं बता सकते कि क्या नियम रखने चाहिए। जब तक कौशल नियोजन विभाग भर्ती करता था तो प्रैक्टिकल होते थे। -एके आनंद, डायरेक्टर कौशल नियोजन विभाग


प्रैक्टिकल हटने से गुणवत्ता गिरेगी, सरकार को विचार करना चाहिए

नौकरी लगने का प्रमुख कारण यही रहता है कि आईटीआई स्टूडेंट्स की स्किल्ड बेहतर थी। अब पढ़ाने वाला ही बिना प्रैक्टिकल के आएगा तो गुणवत्ता तो गिरेगी ही आईटीआई का स्तर भी कम होगा। सरकार को दोबारा विचार करना चाहिए। -आईआर त्रिवेदी, पूर्व डायरेक्टर, तकनीकी शिक्षा विभाग राजस्थान

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