छुट्टियों के बाद थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादलों की उम्मीद, 6 डी प्रक्रिया रोकी
ग्रीष्मावकाश के बाद तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों की उम्मीद है। हालांकि इसे लेकर गाइडलाइन जारी नहीं की गई है, लेकिन सरकार के स्तर पर तबादलों को लेकर हुए मंथन से शिक्षकों ने साढ़े चार साल बाद एक बार फिर आस जगी है। हालांकि इस बार नीति जारी नहीं होने से फिर से यह जिम्मा स्थानीय विधायकों और जनप्रतिनिधियों पर आने की उम्मीद है। सरकार ने शिक्षकों की 6डी प्रक्रिया रोककर तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले करने की मंशा जाहिर कर दी है।
तबादलों के लिए 21 बिंदुओं की गाइडलाइन को भी अंतिम रूप दिया जा चुका है। तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण अंतिम बार 2018 में तत्कालीन भाजपा सरकार के समय किए गए थे। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद करीब दो साल पहले तत्कालीन शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने तबादलों के लिए ऑनलाइन आवेदन भी मांगे। जिसमें करीब 85 हजार से अधिक शिक्षकों ने आवेदन किए, बाद में इसे टाल दिया गया। इधर, बीडी कल्ला के शिक्षा मंत्री बनने के बाद फिर यह कवायद आगे बढ़ी और छह महीने पहले तबादलों के लिए केबिनेट ने विचार किया, लेकिन एकमत नहीं होने से इस पर मुहर नहीं लग सकी।
गाइडलाइन के इन बिंदुओं पर स्थानांतरण की उम्मीद
तबादलों के लिए तैयार की गाइडलाइन में निशक्तजन, गंभीर बीमारी से ग्रसित, विधवा, परित्यक्ता, एकल महिला, पूर्व सैनिकों की पत्नी, पारस्परिक तबादले आदि को प्राथमिकता देने का प्रावधान शामिल है। वहीं पंचायती राज तथा प्रारंभिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा में शिक्षकों के जिला बदल और जिले में तबादलों के लिए सक्षम अधिकारी निर्धारित किए जा रहे हैं। अंतर जिला तबादलों के लिए 5 वर्ष जिले में ठहराव और टीएसपी तथा नान टीएसपी में तबादले अपने क्षेत्र में ही करने का प्रावधान रखा गया है। महात्मा गांधी अंग्रेजी व हिंदी माध्यम स्कूलों से तबादलों को नियंत्रित करने का प्रावधान किया जा रहा है। पारस्परिक आवेदक, गंभीर बीमार, दिव्यांगों के ही कर देंः वहीं शिक्षक नेताओं ने कहा कि सरकार किन्हीं कारणों से तबादले नहीं कर पाती है तो पारस्परिक प्रार्थना पत्र वाले, गंभीर बीमारी, निशकजनों, विधवा, परित्यक्ता या फिर ऐसी महिला जो 5 साल से अधिक समय से अपने पति से दूर दूसरे जिले में नौकरी कर रही हो, उनके तबादले तो कर दें।
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