स्कूली छात्रों को मई में ही मिल गई ड्रेस, आंगनबाड़ी वाले 6 माह से कर रहे इंतजार
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा क्रियान्वयन में दोहरापन नजर आ रहा है। सीएम ने स्कूली बच्चों के साथ आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले नौनिहालों को भी दो जोड़ी यूनिफॉर्म देने की बात कही थी। इसके बाद शिक्षा विभाग तो एक्टिव हो गया और मई माह में ही बच्चों को ड्रेस के कपड़ों का वितरण कर दिया। सिलाई के 200 रुपए भी खातों में ट्रांसफर कर दिए। दूसरी ओर, महिला और बाल विकास विभाग (आईसीडीएस) ने अब तक इस घोषणा की सुध नहीं ली। इस कारण 5 माह 21 दिन गुजरने के बाद भी उदयपुर के 49 हजार सहित प्रदेश के 17 लाख बच्चों को ड्रेस मिलने का इंतजार है। अगर 15 सितंबर तक यह घोषणा पूरी नहीं होती है और चुनाव आचार संहिता लग जाती है तो यह अधूरी रह जाएगी। बता दें कि आंगनबाड़ी केंद्रों में 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराई जाती है
सीएम ने बजट घोषणा में स्कूली बच्चों के बच्चे हैं। लिए भी दो जोड़ी कपड़े और 200 रुपए सिलाई के लिए देने की बात कही थी। इसके बाद विभाग ने मई माह में ही सिलाई के 200 रुपए सीधे बच्चों के खातों में जमा करा दिए और कपड़ा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत उपलब्ध कराया दिया। लेकिन, आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को न तो कपड़ा मिला और न ही सिलाई का बजट।
आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इन केंद्रों पर 17 लाख 10 हजार से ज्यादा बच्चे रजिस्टर्ड हैं। उदयपुर जिले में कुल 3325 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इनमें 49 हजार 88 बच्चे रजिस्टर्ड हैं। शहर में 150 केंद्र हैं और इनमें 2846 बच्चे है। इस संबंध में विभाग की उपनिदेशक आईसीडीएस कीर्ति राठौड़ ने बताया कि यूनिफॉर्म के संबंध में अब तक कोई जानकारी नहीं मांगी गई है और न ही आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को अभी यूनिफॉर्म मिले हैं
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