70 हजार छात्रों में असमंजस... प्रवेश ले रहे, सिलेबस का पता नहीं, कब शुरू होंगे सेमेस्टर?
जयपुर. राजस्थान यूनिवर्सिटी ने यूजी प्रथम वर्ष में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू कर दिया, लेकिन यूनिवर्सिटी के ही प्रोफेसर अधूरी तैयारियों के साथ लागू हुई इस नीति पर सवाल खड़े कर रहे हैं। दरअसल, यूनिवर्सिटी ने यूजी प्रथम वर्ष में एनईपी लागू कर प्रवेश प्रक्रिया शुरू दी।
परंतु यूनिवर्सिटी के साथ सरकारी और निजी कॉलेजों में प्रवेश लेेने वाले करीब 70 हजार छात्रों को आवेदन करते समय तक यह नहीं पता कि उनका सिलेबस क्या होगा। एकेडमिक काउंसलिंग की बैठक में बोर्ड ऑफ स्टडी को सिलेबस तैयार करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है।सिलेबस तैयार होने के बाद एकेडमिक काउंसिल में वापस जाएगा। इस प्रक्रिया में लगभग एक महीने का समय लगेगा। इसका खमियाजा छात्रों को उठाना होगा।
राजस्थान यूनिवर्सिटी में पिछले दो साल से एनईपी की तैयारियां चल रही थी। इसके बाद लो-ड्राफ्ट जल्दबाजी में दिया गया। इससे छात्रों को नुकसान होगा। सिलेबस तैयार नहीं है। किताबें आने में भी समय लगेगा। दिसंबर में परीक्षा होगी। छात्र कैसे पढ़ाई करेंगे। अशोक अग्रवाल, प्रोफेसर, एबीएसटी
यूजीसी को लिखें पत्र
नई शिक्षा नीति को लागू तो कर दिया, लेकिन यूजीसी की ओर से अभी तक मॉडल सिलेबस ही जारी नहीं किए गए हैं। यूूजीसी को समय से मॉडल सिलेबस जारी करने चाहिए। इसके लिए यूनिवर्सिटी यूजीसी को पत्र लिखे।-महिपाल सिहाग, प्रोफेसर, एचओडी भूगोल
छात्रों को होगी परेशानी
स्कीम लागू करने में परेशानी नहीं, लेकिन ऐसी क्या जल्दबाजी कि इसी साल लागू किया जाए। पूरी तैयारी के साथ अगले साल इसे लागू किया जा सकता था। अधूरी तैयारियों के साथ लागू की गई एनईपी से छात्रों को परेशानी होगी।-राजेश पूनिया, प्रोफेसर, एचओडी संस्कृत विभाग
जुलाई लगेगी तक सिलेबस पर मुहर
विरोध कर रहे प्रोफेसर्स का तर्क है कि यूनिवर्सिटी में पिछले दो साल से एनईपी की तैयारियां चल रही थी, लेकिन सरकार के आदेश के चलते यूनिवर्सिटी ने अचानक ही इस सत्र से इसे जल्दबाजी में लागू कर दिया। सिलेबस पर जुलाई तक मुहर लगेगी। इसके बाद कंटेंट तैयार होने के बाद किताबें प्रकाशित होंगी। इस बीच छात्रों के सेमेस्टर देरी से शुरू होेंगे।
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