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रविवार, 25 जून 2023

जिस स्कूल के स्टूडेंट रहें अब उसी में प्रिंसिपल:8 लाख से ज्यादा रुपए खर्च कर करवाया विकास कार्य, नामांकन भी बढ़ा

 

जिस स्कूल के स्टूडेंट रहें अब उसी में प्रिंसिपल:8 लाख से ज्यादा रुपए खर्च कर करवाया विकास कार्य, नामांकन भी बढ़ा

सीकर जिला मुख्यालय से महज 50 किलोमीटर दूर गांव खाचरियावास के एक सरकारी स्कूल की प्रधानाचार्य की कोशिशों से कायापलट हो गई। स्कूल में शिक्षा का स्तर तो बदला ही और परिसर हरियाली से भी अटा है। बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए बेहतर वातावरण में शिक्षा दी जा रही है। आज स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या के साथ ही रिजल्ट भी शत-प्रतिशत रहा है।


ये स्कूल खाचरियावास के सेठ रामकुमार धूत राजकीय उच्च माध्यमिक है। प्रिंसिपल मोती लाल स्वामी ने खुद भामाशाह बनकर स्कूल का कायापलट किया है। उन्होंने अब तक अपनी सैलरी से स्कूल के विकास कार्यों के लिए 8 लाख से भी ज्यादा रुपए खर्च किए हैं। उन्होंने स्कूल में विद्यार्थियों के नामांकन वृद्धि में भी अपनी अहम भूमिका निभाई है। इस सत्र में स्कूल का ब्लॉक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ स्कूल के रूप में भी चयन हुआ है। यही वजह है कि इस स्कूल की शिक्षा व्यवस्था व शानदार रिजल्ट के चलते 30 किलोमीटर दूर से भी स्टूडेंट्स यहां पढ़ने के लिए आते हैं।




जिस स्कूल में पढ़े उसी में प्रिंसिपल

प्रिंसिपल मोतीलाल स्वामी ने बताया कि कक्षा 6 से 11 तक उन्होंने इसी स्कूल में पढ़ाई की है। इसके बाद वे उच्च शिक्षा के लिए बाहर चले गए और उन्होंने सरकारी नौकरी की तैयारी की। सन 1996 में वे प्रोफेसर बनकर इसी विद्यालय में पहली बार आए और जॉइनिंग ली। 2015 में उनका प्रमोशन हुआ और वे नागौर चले गए। 2016 में बतौर प्रिंसिपल बनकर वे वापस इस स्कूल में आ गए। स्वामी पिछले 7 साल से इस स्कूल में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत हैं।


ज्वाइनिंग के समय 176 स्टूडेंट्स थे अब 600 से भी ज्यादा

2016 में स्कूल में स्टूडेंट्स की संख्या मात्र 176 थी और स्कूल बिल्डिंग खस्ताहाल थी। स्वामी ने सबसे पहले स्टूडेंट्स के नामांकन बढ़ाने और बेहतरीन शिक्षा व्यवस्था पर जोर दिया। जिसका असर यह हुआ कि सत्र 2022-23 में इस स्कुल में विद्यार्थियों की संख्या 600 से भी ज्यादा हो गई। स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ने के बाद उन्होंने विद्यालय भवन की जर्जर हालत को सुधारना शुरू किया।स्वामी ने अपने निजी खर्चे से जर्जर भवन की मरम्मत, संपूर्ण विद्यालय में रंग-रोगन, स्टूडेंट्स लिए के फर्नीचर सेट, शिक्षकों के लिए लेक्चर स्टैंड,अधिकांश भाग में ब्लॉक, बालिकाओं के लिए शौचालय बनवाया और स्टूडेंट्स व कर्मचारियों के वाहन पार्किंग के लिए 50×24 फिट का शेड बनवाया और कई व्यवस्थाएं की। उन्होंने स्कूल से मिलने वाली सैलरी से अब तक 8 लाख से भी ज्यादा रुपए खर्च किए हैं।


रिजल्ट में भी सबसे टॉप पर रहा स्कूल

स्कूल में साइंस विषय में बायोलॉजी व गणित, कृषि विज्ञान, कला व वाणिज्य संकाय संचालित है। इस बार माध्यमिक व उच्च माध्यमिक परीक्षा का परीक्षा परिणाम भी संख्यात्मक व गुणात्मक रूप से श्रेष्ठ रहा है। विज्ञान वर्ग में सभी 85 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए हैं तथा 6 विद्यार्थियों ने 90% से अधिक अंक प्राप्त किए हैं।स्कूल में पिछले 3 सालों से केन्द्र सरकार की इंस्पायर अवार्ड योजना में विद्यार्थियों का चयन हो रहा है। इसके साथ ही स्कूल के 8 खिलाडियों का स्टेट व नेशनल लेवल पर अनेक प्रतियोगिताओं में चयन हुआ है।

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