कॅरिअर के लिए प्रोत्साहन: खमनोर में सरकारी शिक्षकों के ग्रुप ने रोज 9 घंटे पढ़ाया, विद्यार्थियों के पैसे बचाए,75 विद्यार्थियों को 50 दिन तक निशुल्क कोचिंग, फीस देकर पढ़ते तो खर्च हो जाते 6 लाख रुपए
खमनोर. ब्लॉक के स्कूलों में कार्यरत सरकारी शिक्षकों और योग्यताधारी विषय विशेषज्ञों के एक गु्रप ने ग्रीष्मावकाश के दौरान 50 दिनों तक प्री डीएलएड, पीटीईटी की निशुल्क कोचिंग कक्षाएं चलाईं। 75 विद्यार्थियों को प्रतिदिन 9 घंटे की कड़ी मेहनत से कई विषयों की तैयारी करवाई और उनके लाखों रुपए खर्च होने से बचाए।शिक्षकों का यह गु्रप विद्यार्थियों को कॅरिअर बनाने में प्रोत्साहन के उद्देश्य से पिछले 7 साल से निशुल्क कोचिंग करा रहा है। निशुल्क कोचिंग संस्थान की सीनियर कक्षाओं के विद्यार्थी वर्ग में खासी चर्चा हो रही है। गु्रप ने महाराणा प्रताप राउमावि में 54 दिन तक कोचिंग कक्षाएं आयोजित कीं।
23 जून को कोचिंग सत्र का समापन हुआ। एक अनुमान के मुताबिक यदि प्रत्येक विद्यार्थी किसी शहर में निजी संस्थान की फीस और ट्रेवल पर न्यूनतम 8 हजार रुपए भी खर्च करता तो इतनों का 6 लाख रुपए व्यय होता। यह पैसा शिक्षकों की सोच ने बचाया। सुविधाओं पर के लिए 16 अप्रेल से ऑनलाइन पंजीकरण कर 150 विद्यार्थियों को वॉट्सएप गु्रप से अध्ययन सामग्री भेज गूगल फॉर्म से नियमित अंतराल में टेस्ट लिए और मूल्यांकन किया। 2 मई से महाराणा प्रताप राउमावि में सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक 9 घंटे हिंदी, अ्रग्रेजी, सामान्य ज्ञान, मानसिक योग्यता, शिक्षण अभिक्षमता के विषयों की परीक्षा पैटर्न से कोचिंग करवाई। ओएमआर शीट पर साप्ताहिक टेस्ट लिए और स्तर जांचा। कोचिंग गु्रप का कहना है कि अगस्त में होने वाली परीक्षा तक विद्यार्थियों के अध्ययन की निरंतरता बनाए रखने के लिए ऑनलाइन कम्यूनिकेशन जारी रहेगा।
इन विषय विशेषज्ञों ने पढ़ाया-लिखाया
महाराणा प्रताप राउमावि में कार्यरत व्याख्याता विक्रमसिंह चौहान ने अंग्रेजी, इसी स्कूल के व्याख्याता सुभाषचंद्र शर्मा ने राजनीति विज्ञान व राज व्यवस्था, सीबीईओ कार्यालय के संदर्भ व्यक्ति ओमप्रकाश यादव ने भूगोल और सामान्य ज्ञान, राउमावि टांटोल में कार्यरत शिक्षक व कोचिंग संचालक लोकेश सोनी ने हिन्दी, बीएसटीसी बीएडधारी कमलेश लोहार ने मानसिक योग्यता, राउमावि टांटोल के सहायक शिक्षक बहादुरसिंह चुंडावत ने शिक्षण अभिरूचि व अभिवृत्ति का कालांशवार अध्यापन करवाया।
9 घंटे की कड़ी मेहनत से तपाया, संस्कार भी दिए
प्रतिदिन प्रार्थना सत्र में ओंकार उच्चारण, सुक्ष्म प्राणायाम, सरस्वती वंदना, प्रेरणा गीत, मौखिक अभिव्यक्ति, प्रेरक प्रसंगों के वाचन से विद्यार्थियों में राष्ट्र भक्ति, संस्कृति और संस्कार निर्माण भी किया। 12वीं तक रोज 35-40 मिनट प्रति कालांश बैठने की आदत में ढले विद्यार्थियों को सुबह 8 से शाम 5 बजे तक 9 घंटे का अनवरत शिक्षण की कड़ी मेहनत सिखाई। उपरांत 3-4 घंटे का गृहकार्य भी दिया। ऐतिहासिक स्थलों पर शैक्षिक भ्रमण, शैक्षिक प्रविधियों से भी निखारा।
व्यसन मुक्त समाज, पर्यावरण संरक्षण के संकल्प भी
31 मई को धुम्रपान दिवस पर मादक पदार्थों से दूर रहने और जनजागरण के लिए संकल्प दिलाया। 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर पर्यावरण संरक्षण और व्यापक पौधारोपण व देखभाल का संकल्प दिलाया। पत्रिका के पक्षी मित्र अभियान में विद्यार्थियों को घौंसले, परिंडे, चुग्गा पात्र देकर जीवदया का महत्व समझाया। शिक्षाविदों के संबोधन सत्र आयोजित किए, जिसमें प्रधानाचार्य प्रेमशंकर माली, सेवानिवृत्त व्याख्याता रामलाल दूरिया, शिक्षक मनोज सोलिया ने प्रतियोगिता परीक्षा में तैयारी और सफलता पर अनुभव साझा किए।
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