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गुरुवार, 29 जून 2023

बच्चों के लिए वरदान बना आरबीएसके, बचपन में ही मिल रहा ‘उपचार’



 बच्चों के लिए वरदान बना आरबीएसके, बचपन में ही मिल रहा ‘उपचार’

धौलपुर. बच्चों के लिए छुटपन में ही बीमारियों की पहचान कर उनका समय पर उपचार एवं निदान कराने के मकसद से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) वरदान साबित हुआ है। जिले में पिछले 6 सालों में 9 लाख 19 हजार 13 बच्चों की स्वास्थ्य जांच की जाकर इनमें से 40 हजार से अधिक बच्चों का इलाज करवाया गया। धौलपुर जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत वर्ष 2014 से लेकर अब तक9 लाख से अधिक बच्चों की जांच कर 46566 बच्चों को हायर सेन्टर पर रेफर किया गया। जहां इनमें से 40 हजार 387 बच्चों को इलाज मिला है।67 की अब तक सीएचडी सर्जरीजिले में अब तक 67 बच्चों की सीएचडी सर्जरी की जा चुकी है।


 इसमें हार्ट की जन्मजात बीमारी, दिल में छेद आदि के ऑपरेशन करवाए गए हैं। जबकि 96 अन्य तरह के ऑपरेशन भी नि:शुल्क करवाए गए हैं।अभिभावकों को भी मिली राहतजन्मजात बीमारियों के साथ अन्य बीमारियों के ऑपरेशन व इलाज पर खर्च होने वाली राशि का भार अभिभावकों पर नहीं पड़ा है। सरकारी व निजी अस्पतालों में नि:शुल्क ऑपरेशन होने से बच्चों को बेहतर इलाज मिला है।यह भी फायदे- कम उम्र में बीमारी की पहचान से समय पर इलाज।- बच्चों के शारीरिक विकास की बाधा दूर।-


शिक्षण कार्य में होने वाली परेशानी से निजात।- बड़े होने पर बीमारी विकराल रूप लेती, इससे जान का खतरा रहता।- योजना के चलते सरकारी स्कूल में नामांकन भी बढ़ा।इनका कहना हैजिले में आठ टीम कार्यरत जिले में कुल 8 आरबीएसके टीमें कार्यरत हैं। बाड़ी, बसेड़ी, धौलपुर एवं राजाखेड़ा ब्लॉक में प्रति ब्लॉक 2 टीमें हैं। प्रत्येक टीम में 4 सदस्य हैं। इनमें एक पुरुष आयुष चिकित्सा अधिकारी, एक महिला आयुष चिकित्सा अधिकारी, एक फार्मासिस्ट तथा एक एएनएम शामिल हैं। चार श्रेणियों में 32 रोगों की जांचस्वास्थ्य जांच में चार श्रेणियों जन्मजात रोग, कमियां, बीमारियां व विकास में देरी में श्रेणीबद्ध 32 रोगों की जांच की जाती है, ताकि इन रोगों का शीघ्र पता लगाया जा सके और बीमार बच्चों का प्रबंधन किया जा सके। इन चार श्रेणियों में श्रेणीबद्ध रोगों को 4डी के नाम से भी जाना जाता है।


इनका कहना है

प्रतिवर्ष प्रत्येक आंगनबाड़ी पर दो बार तथा प्रत्येक सरकारी विद्यालय एवं मदरसा में एक बार टीम के माध्यम से जन्म से 18 वर्ष तक के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। इसके बाद आवश्यकता अनुसार पीएचसी, सीएचसी, जिला अस्पताल अथवा राज्यस्तर पर नि:शुल्क उपचार कराया जाता है।-डॉ. शिवकुमार शर्मा, आरसीएचओ, धौलपुर


जिले में आरबीएसके की स्थिति


वर्ष ----स्क्रीनिंग बच्चे ----रेफर ---इलाज -----सीएचडी--- सर्जरी अन्य सर्जरी

2017-18 --139641 -------7096-------- 5205------4------------- 6

2018-19 ---187118----- 9331--------- 9288 ------15 ---------21

2019-20 ---212137 -----13206--------- 10394 ---27 ---------43

2020-21 ----55064------ 3642 -----------3047 ----5 -----------6

2021-22 ----132652 ----7754 ----------7482----- 10----------- 9

2022-23 ----192401 -----5537 ---------4971 -----6 ---------11

कुल -----919013------ 46566 ---------40387 -----67-------- 96

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