Breaking

Primary Ka Master Latest Updates | Education News | Employment News latter 👇

शनिवार, 10 जून 2023

गृह जिलों में समायोजन नहीं तो टीएसपी में स्थानांतरण नीति रहेगी बेअसर



 गृह जिलों में समायोजन नहीं तो टीएसपी में स्थानांतरण नीति रहेगी बेअसर

बांसवाड़ा. चुनावी वर्ष में राज्य सरकार तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण की तैयारी में जुटी है। शिक्षा निदेशालय की ओर से गाइडलाइन बनाकर सरकार को प्रस्ताव भी भेजा है। वहीं प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्र में इस स्थानांतरण नीति का क्रियान्वयन यहां कार्यरत गैर अनुसूचित क्षेत्र के शिक्षकों के गृह जिलों में समायोजन पर ही संभव है।राज्य सरकार ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों का स्थानांतरण को लेकर पूर्व में आवेदन भी मांगे थे, किंतु बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला गया। अब चुनावी वर्ष में एक बार फिर से सरकार ने स्थानांतरण करने की तैयारी शुरू की है, जिसके लिए निदेशालय की ओर से 21 बिंदुओं की गाइडलाइन भी बनाई है।


मांगे जाएंगे आवेदन !

जानकारी के अनुसार तृतीय श्रेणी के शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए आवेदन मांगे जाएंगे। अंतर जिला स्थानांतरण के लिए कार्यरत जिले में पांच वर्ष का सेवाकाल और तीन वर्ष का परीक्षा परिणाम देखा जाएगा। यह गाइडलाइन लेवल- प्रथम, द्वितीय, शारीरिक शिक्षक, प्रबोधक, पुस्तकालय अध्यक्ष व प्रयोगशाला सहायक पर लागू होगी। इसमें भी विधवा, बीमार व दिव्यांग को वरीयता दी जाएगी। आवेदन करने वाले शिक्षक-शिक्षिका के स्वयं गंभीर बीमारी से पीेड़ित होने या पत्नी-बच्चों के गंभीर बीमारी से पीड़ित होने पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर प्राथमिकता दी जाएगी।


यहां उलझन बरकरार

इधर, प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्र में आने वाले जिलों को डार्कजोन मानकर स्थानांतरण पर वर्षों से प्रतिबंध लगा है। श्री गंगानगर, बीकानेर, हनुमानगढ़, नागौर, बाड़मेर आदि दूरस्थ जिलों के मूलनिवासी सैंकड़ों शिक्षक वर्षो से यहां कार्यरत हैं। वे लंबे समय से गृह जिलों में समायोजन की मांग कर रहे हैं। इन शिक्षकों से विकल्प पत्र भी भरवाए गए, किंतु आज तक एक भी तृतीय श्रेणी शिक्षक का समायोजन नहीं हुआ। इसके चलते पद रिक्त नहीं होने से रीट भर्ती में भी पद कम मिलने की समस्या है। इसका खमियाजा स्थानीय बेरोजगार अभ्यर्थियों को उठाना पड़ रहा है।


मिलेगी दोहरी राहत

तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर की जा रही पहल स्वागत योग्य है। नॉन टीएसपी के शिक्षकों का भी गृह जिलों में समायोजन करने को प्राथमिकता दी जाएगी। इससे इन शिक्षकों क8े साथ स्थानीय बेरोजगार अभ्यर्थियों को भी राहत मिलेगी। सरकार को इस बारे में लचीलापन दिखाना चाहिए। ललित शर्मा, सदस्य, नॉन टीएसपी शिक्षक संघर्ष समिति।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें