बिहार में अध्यापक पद पर नियुक्ति हेतु बिहार का स्थायी निवासी होना अब अनिवार्य नही
पटना. बिहार कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए बिहार में शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया में बड़े बदलाव को अपनी स्वीकृति दे दी है. अब बिहार में शिक्षकों की बहाली में स्थायी निवासी होने की अर्हता अनिवार्य नहीं रहेगी. इसका अर्थ यह हुआ कि अब बिहार के अलावा दूसरे राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के अभ्यर्थी भी शिक्षक बहाली प्रक्रिया में शरीक हो सकेंगे. नीतीश सरकार ने यह फैसला आवेदन की चल रही प्रक्रिया के बीच में लिया है.सरकार के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, न्यायालयों में चल रहे मामलों को देखते हुए ही सरकार ने यह फैसला लिया है ताकि बहाली प्रक्रिया में कोई व्यवधान नहीं आ सके. बता दें कि बिहार में फिलहाल 1 लाख 70000 शिक्षकों की भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया गया है. आवेदन 15 जून 2023 के लिए जा रहे हैं जो 12 जुलाई तक लिया जाएगा.
कैबिनेट द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय
सात निश्चय योजना 2 के तहत सभी की वर्गो के कृषको के स्वरोजगार के लिए डेयरी इकाई की स्थापना के लिए 37 करोड़ 5 लाख अनुदान व्यय करने की स्वीकृति.राज्य में पर्यटकों को आधुनिक सुविधा युक्त आवासन उपलब्ध कराने हेतु होटल पाटलिपुत्र अशोक, बांकीपुर बस स्टैंड परिसर और सुल्तान पैलेस की भूमि पर पांच सितारा होटल के निर्माण की स्वीकृति. स्मार्ट पीडीएस को राज्य में लागू करने के लिए केंद्र सरकार के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर करने पर स्वीकृति. पटना उच्च न्यायालय के निर्देश पर कैबिनेट का फैसला. थानों में जब्त गाड़ियों को रखने के लिये दूजरा में 18 एकड़ जमीन अधिग्रहण के लिए स्वीकृति. सभी थानों की जब्त गाड़ियां यही रहेंगी.
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