अब दो विषयों में एकसाथ पीएचडी कर सकेंगे विद्यार्थी
अजमेर. देशभर के विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार नए शैक्षणिक वर्ष 2023-24 से विद्यार्थी एक साथ दो विषयों में पीएचडी (डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी) कर सकेंगे। यूजीसी ने इसका ड्राफ्ट तैयार किया है, हालांकि केंद्रीय और राज्यों के विश्वविद्यालयों को ड्राफ्ट का अध्ययन करने के अलावा नियमों में फेरबदल करना जरूरी होगा। यूजीसी ने देश के सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को पीएचडी के नए नियम व दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत विश्वविद्यालयों में दाखिले लिए जाएंगे। दो विषयों में पीएचडी की अनुमति को लेकर स्थायी समिति गठित की गई है।
कई विश्वविद्यालयों में एंट्रेंस टेस्ट: वर्ष 2010-11 से केंद्रीय व राज्यों के विश्वविद्यालयों ने शोध प्रवेश परीक्षा तथा कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट लागू किया गया। इसके तहत पीएचडी में दाखिले के नियम बन हैं। इनमें महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय सहित राज्य के अन्य यूनिवर्सिटी भी शामिल हैं। शिक्षाविद् जी.एस. कांडपाल के अनुसार नई शिक्षा नीति केंद्रीय विश्वविद्यालयों को एकसाथ दो पाठ्यक्रम संचालित करने व ऑनलाइन पाठ्यक्रमों से जुड़ने की छूट देती है। नई शिक्षा नीति के तहत छात्र एकसाथ दो डिग्री प्रोग्राम कर सकते हैं।
यह फायदे हाेंगे
विद्यार्थी भर सकेंगे दो विषयों में पीएचडी का विकल्प
दोनों विषयों में साथ अथवा अलग-अलग शोध कर सकेंगे
दो विषयों में पीएचडी से कॅरियर में फायदा होगा
चुनौतियां भी नहीं कम
दो विषयों के लिए करनी होगी गाइड की व्यवस्था
कैसे होगी एक साथ दो विषयों में पीएचडी की अटेंडेंस
विश्वविद्यालयों को बदलने होंगे ऑर्डिनेंस
दो विषयों में पीएचडी से विद्यार्थियों को फायदा होगा। यूजीसी के ड्राफ्ट पर अध्ययन की जरूरत के साथ प्रत्येक विवि को नियमों में फेरबदल की जरूरत पड़ेगी।- प्रो. शिवदयाल सिंह, निदेशक शोध, एमडीएस विवि
समिति यह करेगी
स्थायी समिति उच्च शिक्षण संस्थानों द्वारा नियमों का पालन नहीं करने पर यूजीसी को शिकायत करेगी। ऐसी संस्थानों के खिलाफ यूजीसी को कार्रवाई की सिफारिश भी करेगी। समिति विशिष्ट संस्थानों के चयन, संकाय नियुक्तियों और पीएचडी डिग्री का डाटा संकलित करेगी।
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