वे तो देश के लिए कुर्बान हो गए, अधिकारी नाम को तरसा रहे
बीकानेर. राज्य के कई सैनिक देश की माटी की सुरक्षा के लिए शहीद हो गए और शिक्षा विभाग के अधिकारी उनके नाम से स्कूल खोलने की फाइलों पर ही कुंडली मार कर बैठ गए हैं। ऐसे 53 शहीदों के नाम पर स्कूलों का नामकरण होना है।आगामी शिक्षा सत्र को देखते हुए शिक्षा विभाग को देश की रक्षा करते शहीद हुए सैनिकों की फिर से याद आई है। विभाग ने स्कूल शिक्षा के सभी संयुक्त निदेशकों को 16 जून को पत्र भेजकर लंबित प्रकरणों का निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि शहीदों के परिजन भी सैनिक कल्याण विभाग में जाकर स्कूलों के नामकरण को लेकर दबाव बना रहे हैं, लेकिन विभाग की उदासीनता की वजह से स्कूलों का नामकरण करने में विलंब होता जा रहा है।
नामकरण नहीं होनेसे असंतोष
संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) को भेजे पत्रों में कहा गया है कि शहीद सैनिकों के नामों पर स्कूलों का नामकरण लंबे समय से अटका पड़ा है। इसके कारण शहीदों के परिवारों में असंतोष उत्पन्न हो रहा है। वे बार-बार जिला सैनिक कल्याण कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं।
पांच माह से अटकेहैं प्रकरण
शहीदों के नाम से स्कूलों का नामकरण करने के प्रकरण पांच माह से अटक रहे हैं। शिक्षा विभाग की ओर से पहला पत्र दो फरवरी 2023 को जारी किया गया था। इसके बाद भी कोई कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी। न ही इस बारे में कोई जानकारी दी गई। जबकि राज्य सरकार द्वारा भी शहीदों से संबंधित प्रकरणों में हुए विलम्ब को गंभीरता से लिया जा रहा है। शिक्षा निदेशालय को बार-बार स्मरण पत्र भी प्राप्त हो रहे हैं।
जिला संख्या
बीकानेर 1
अलवर 5
बाड़मेर 1
बांसवाड़ा 1
भरतपुर 2
भीलवाड़ा 2
चूरू 2
दौसा 1
धौलपुर 1
जयपुर 5
झुंझुनूं 4
जोधपुर 4
करौली 3
कोटा 1
नागौर 6
पाली 1
सीकर 6
सिरोही 3
उदयपुर 3
कार्रवाई के लिए भेजे हैं पत्र
जिन-जिन जिलों में शहीदों के नाम पर स्कूलों का नामकरण करने में विलंब हो रहा है। उन जिलों से सैनिक कल्याण बोर्ड से फाइल आई है। अब इस काम को गति देने के लिए सभी संयुक्त निदेशकों को पत्र भेजा गया है। साथ ही बकाया प्रकरणों की सूची अविलंब भेजने के निर्देश दिए गए हैं। संयुक्त निदेशकों को निर्देश दिए गए हैं कि व्यक्तिगत मॉनिटरिंग कर प्रकरणों का निपटारा करें।-धर्मेन्द्र जोशी, संयुक्त निदेशक ( प्रशासन) शिक्षा विभाग
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें