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बुधवार, 14 जून 2023

सरकार की ये कैसी पहल, हर साल खोलती है नया संकाय,पर शिक्षक नहीं

 

सरकार की ये कैसी पहल, हर साल खोलती है नया संकाय,पर शिक्षक नहीं

अलवर. राज्य सरकार की ओर से शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकारी कॉलेजों में संकाय तो खोले जा रहे हैं लेकिन वहां पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं हैं। संकाय खोलने से दूसरे शिक्षकों का भार और बढ़ रहा है। इससे शिक्षा गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।सरकारी कॉलेजों में खुलने वाले संकाय में छात्र-छात्राओं की ओर से दाखिला लिया जाता है और जब संकाय में पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं आते है तो परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसा ही मामला जिले में संचालित कला कॉलेज का है। इसमें पिछले सत्र में सरकार की ओर से उर्दू संकाय की शुरुआत की गई थी लेकिन उसमें पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं आए। छात्रों में कैसे-तैसे अध्यापन कार्य किया और परीक्षा दी। वहीं राज्य सरकार की ओर से आने वाले सत्र 2023-2024 के लिए फिर से एक संकाय की शुरुआत की है। वह संकाय सैन्य विज्ञान है। हाल ही में राज्य के 28 राजकीय कॉलेजों में नए संकाय खोले गए हैं।


शिक्षक लगाने के लिए दिए ज्ञापन : कला कॉलेज में उर्दू संकाय शुरू होते ही 41 सीटों पर छात्र-छात्राओं ने दाखिला ले लिया और जब इनको लम्बे समय तक कोई पढ़ाने के लिए नहीं आया तो छात्रनेताओं ओर छात्र संगठनों की ओर से मौजूद प्राचार्य को ज्ञापन दिया। छात्र नेताओं का कहना कि ज्ञापन देने के बाद भी अध्यापन के लिए कोई स्थाई शिक्षक की नियुक्ति नहीं हो पाई है। उर्दू संकाय में 44 छात्र पढ़ने आए पर शिक्षक नहीं थे तो छात्र नेताओं ने शिक्षकों की तैनाती के लिए ज्ञापन दिया था।


गेस्ट फैकल्टी से चलाया जा रहा काम

नए संकायों के संचालन के लिए गेस्ट फैकल्टी रखी जाती है। कॉलेजों में यह फैकल्टी पढ़ा भी रही है लेकिन स्थाई शिक्षक तैनात हों तो शिक्षा गुणवत्ता में और सुधार होगा। कला कॉलेज के उर्दू विभाग में स्थाई शिक्षक नहीं लगाए गए। छात्र नेताओं का कहना है कि यही हाल सैन्य विज्ञान का रहेगा।


सरकार नियमों के तहत ही कॉलेजों में शिक्षकों की तैनाती करती है। स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति आयुक्तालय की ओर से की जाती है।-गायत्री यादव, कार्यवाहक प्राचार्य

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