कॉलेजों में नहीं ‘न्यू जेनरेशन’ कोर्स, बाहर जाने की मजबूरी
धौलपुर . बढ़ती बेरोजगारी के बीच युवाओं ने अब कॅरियर की राह भी थोड़ी बदल ली है। किसी दौर में युवाओ का पूरा फोकस बीए व एमए सहित अन्य परंपरागत कोर्स की तरफ था। अब नए सेक्टरों में लगातार रोजगार की संभावनाएं बढऩे के बाद यूथ का जुड़ाव नए जमाने के कोर्स की तरफ बढ़ रहा है। इसके लिए हमारे निजी कॉलेज भी लगातार नए पाठ्यक्रमों के संचालन में पूरा उत्साह दिखा रहे हैं। इंजीनियरिंग व डॉक्टरी के साथ युवाओं का जुड़ाव सबसे ज्यादा प्रोफेशनल कोर्स की तरफ बढ़ रहा है। वहीं, जो युवा बीए में दाखिला भी ले रहे है वह भी किसी न किसी प्रोफेशनल कोर्स के जरिए अपनी स्किल को बढ़ा रहे हैं।
धौलपुर के ज्यादातर यूथ की ओर से बीए-बीएड, बीए-लॉ, बीए आरएएस सहित फार्मा, ऑटिफिशियल इंटेलिजेंस, सूचना प्रौद्योगिकी, कृषि में स्नातक, प्रबंधन, फॉर्मेसी, इंजीनियरिंग डिप्लोमा, आयुर्वेद नर्सिंग ऑफिसर, योगिक साइंस, विशेष शिक्षा के पाठ्यक्रम, डेटा साइंस, साइबर सिक्योरिटी, हेल्थकेयर मैनेजमेंट व एग्रो बिजनेस सहित अन्य न्यू जेनरेशन पाठ्यक्रमों में काफी क्रेज सामने आ रहा है। हालांकि, धौलपुर के विद्यार्थियों का दर्द यह है कि उच्च शिक्षा विभाग की ओर से सरकारी कॉलेजों में नए जमाने के हिसाब से पाठ्यक्रम शुरू नहीं किए जा रहे है। इस कारण विद्यार्थियों को मजबूरी में निजी कॉलेजों अथवा आगरा, जयपुर दिल्ली या ग्वालियर जैसे शहरों का रुख करना पड़ रहा है।
केस दो
कम्प्यूटर और स्पोकन इंग्लिश भी
कला संकाय के छात्र नितेश कुशवाहा ने बताया कि बीए प्रथम वर्ष के साथ कम्प्यूटर व स्पोकन इंग्लिश के जरिए स्किल निखारने की तैयारी शुरू कर दी है। अगले साल से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू करने की योजना है। हर क्षेत्र में चुनौती बढ़ी है स्किल बढ़ाने की प्लानिंग 12 वीं के बाद से ही शुरू करनी होगी।
इनका कहना है
युवा अब परंपरागत कोर्स के बजाय कॅरियर ओरिएंटेड कोर्स की ओर रुख कर रहे हैं। अभिभावक भी अब अपने बच्चों को सिर्फ डिग्री ही नहीं दिलाना चाहते हैं। धौलपुर में सुविधाओं का थोड़ा अभाव है। ऐसे में बच्चे बड़े शहरों का रुख करते हैं।-अरविंद शर्मा, शिक्षाविद्, धौलपुर
केस एक : बदला परंपरागत कोर्स का फैसला
सरमथुरा निवासी छात्र राजेन्द्र मीणा ने बताया कि पहले बीएड करने का मन था लेकिन, पिता और अन्य लोगों की सलाह के बाद बीए-एलएलबी पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया है। इस सेक्टर में निजी के साथ सरकारी में भी रोजगार के अवसर होने की वजह से उनको यह विकल्प ज्यादा बेहतर लगा।
यूं करें करिअर का चयन
दूसरे के आधार पर नहीं बल्कि अपनी क्षमता के हिसाब से करें कॅरियर का चुनाव
सरकारी के साथ निजी क्षेत्र में बेहतर कॅरियर ऑप्शन वाले पाठ्यक्रमों को चुनना बेहतर
देखें विद्यार्थियों के बारहवीं के अंक-ग्रेड
कॉलेज में देखें संकायवार सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन
यूजी डिग्री के साथ शॉर्ट टर्म कोर्स का करें चयन
चुनें ऐसे विषय जिससे जुड़ाव
विषय विशेषज्ञों-काउंसलर्स से करें संपर्क
चुन सकते हैं उद्यमिता और कौशल विकास से जुड़े कोर्स
इंटीग्रेट पाठ्यक्रम भी बेहतर विकल्प
सिविल सर्विस शुरू करने के लिए बेहतर 12 वीं के बाद बेहतर ऑप्शन
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